onwin giriş
Home उत्तराखंड पर्यटन संस्कृति

तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद, चल विग्रह डोली चोपता के लिए प्रस्थान

उत्तराखंड: तृतीय केदार भगवान श्री तुंगनाथ जी के कपाट आज गुरुवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के बीच शीतकालीन अवधि के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद, भगवान की चल विग्रह डोली भक्तों और श्रद्धालुओं के जयघोषों के बीच प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान कर गई।

मंदिर परिसर को इस अवसर पर फूलों से भव्य रूप से सजाया गया, और लगभग 500 श्रद्धालु इस पावन अवसर के साक्षी बने। प्रातःकाल मंदिर में नित्य पूजा, अर्चना और भोग यज्ञ संपन्न हुए, जिसके बाद तीर्थयात्रियों ने भगवान श्री तुंगनाथ जी के दर्शन किए।

कपाट बंद होने की प्रक्रिया सुबह 10:30 बजे प्रारंभ हुई। वैदिक रीति से पूजा-अर्चना, हवन और भोग यज्ञ के बाद भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप दिया गया। शुभ मुहूर्त में 11:30 बजे कपाट शीतकालीन अवधि के लिए विधिवत रूप से बंद कर दिए गए।

डोली मंदिर प्रांगण में विराजमान होकर परिक्रमा करती हुई भक्तों को आशीर्वाद देती हुई चोपता के लिए रवाना हुई। पूरे वातावरण में “जय बाबा तुंगनाथ” के उद्घोष गूंजते रहे।

मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने भगवान श्री तुंगनाथ जी के दर्शन किए। चल विग्रह डोली शुक्रवार, 7 नवंबर को भनकुन और शनिवार, 8 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मर्कटेश्वर मंदिर, मक्कूमठ पहुंचेगी। मक्कूमठ पहुंचने के बाद शीतकालीन पूजा-अर्चना प्रारंभ हो जाएगी।

कपाट बंद होने के अवसर पर बद्री-केदार मंदिर समिति के उपाध्यक्ष, सदस्य, मुख्य कार्याधिकारी, मठपति, केदारनाथ प्रभारी अधिकारी, प्रबंधक, पुजारी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

Similar Posts

© 2015 News Way· All Rights Reserved.