अफ्रीकी देश इस्वातिनी (पूर्व में स्वाजीलैंड) के राजा मस्वाती तृतीय एक बार फिर अपनी शाही जीवनशैली के कारण सुर्खियों में हैं। हाल ही में जब राजा मस्वाती III अपने निजी जेट विमान से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे, तो उनकी भव्य एंट्री ने अबू धाबी एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को हिला कर रख दिया।
राजा के साथ उनके परिवार और सेवकों का विशाल काफिला भी था—जिसमें शामिल थे:
15 रानियां, 30 बच्चे और करीब 100 निजी सेवक
जैसे ही ये सभी जेट से उतरे, एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मच गई। तीन टर्मिनल बंद करने पड़े ताकि सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। यात्रियों और कर्मचारियों ने इतने बड़े शाही काफिले को पहली बार देखा, जिसकी वजह से यह दौरा देखते ही देखते दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया।
राजा मस्वाती का यह दौरा UAE के साथ आर्थिक समझौते और निवेश वार्ता को लेकर था, लेकिन उनके शाही अंदाज़ ने समझौतों से ज़्यादा सुर्खियाँ बटोरीं। उनके साथ आए लोगों के पारंपरिक कपड़े और भारी-भरकम व्यवस्थाओं ने लोगों को हैरान कर दिया।
👑 राजा मस्वाती III: अफ्रीका के आखिरी राजवंश का शासक
मस्वाती तृतीय वर्ष 1986 से इस्वातिनी के राजा हैं।
वे दुनिया के आखिरी राजशाहियों में से एक के प्रमुख हैं।
उनकी निजी संपत्ति की अनुमानित कीमत 1 अरब डॉलर से अधिक है।
उनके पास कई महल, लग्ज़री कारें, और निजी जेट हैं।
उनकी 15 रानियां हैं, जबकि उनके पिता ने 125 महिलाओं से विवाह किया था। मस्वाती हर साल आयोजित होने वाले पारंपरिक ‘रीड डांस समारोह’ में नई दुल्हन चुनते हैं, जो दक्षिणी अफ्रीका की एक सांस्कृतिक परंपरा है।
🌍 इस्वातिनी: विलासिता में डूबा राजा, लेकिन गरीब देश
इस्वातिनी की आबादी करीब 11 लाख है।
देश की बड़ी आबादी गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रही है।
यहां एड्स संक्रमण की दर दुनिया में सबसे अधिक है।
राजा मस्वाती की शानो-शौकत भरी जिंदगी को लेकर लंबे समय से आलोचना होती रही है। उनके खिलाफ देश में कई बार जनता द्वारा लोकतांत्रिक सुधारों की मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं।
🔗 पारिवारिक और क्षेत्रीय संबंध भी चर्चा में
इस्वातिनी की सीमाएं चारों ओर से दक्षिण अफ्रीका से घिरी हैं।
मस्वाती तृतीय का संबंध जुलु राजपरिवार से भी है।
वर्तमान जुलु राजा मिसुजुलु ज्वेलिथिनी, मस्वाती के भतीजे हैं।
मस्वाती की एक रानी, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की बेटी हैं। यह विवाह 2024 में हुआ था।
राजा मस्वाती का यह दौरा भले ही राजनयिक और निवेश वार्ता के लिहाज से अहम रहा हो, लेकिन उनकी शाही जीवनशैली, परिवार की भव्यता और देश की आर्थिक स्थिति के बीच का विरोधाभास एक बार फिर सामने आया है।
दुनिया अब यह सवाल पूछ रही है — क्या एक राजा का इतना विलासिता भरा जीवन सही है, जब उसका देश भूख, बीमारी और बेरोजगारी से जूझ रहा हो?