नई दिल्ली, 11 अक्टूबर 2025
देशभर में मौसम ने तेजी से करवट लेनी शुरू कर दी है। एक ओर जहां दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में बारिश का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर उत्तर भारत में सर्दी की आहट महसूस की जाने लगी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, देश के कई राज्यों में शनिवार को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तरी क्षेत्र में तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में समय से पहले हुई बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं बह रही हैं। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया, जहां न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया — जो इस मौसम के लिए सामान्य से नीचे है।
IMD के रिकॉर्ड के अनुसार,
- 2024 में इसी दिन तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस था।
- जबकि 2023 में यह 3 अक्टूबर को ही 18.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था।
- यह बदलाव दर्शाता है कि ठंड इस साल भी जल्दी आने की संभावना है।
लोगों ने अपने कंबल, स्वेटर निकालने शुरू कर दिए हैं, और एयर कूलर व एसी का उपयोग बंद कर दिया है।
राजस्थान में भी ठंड का असर दिखने लगा है। जयपुर स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, राज्य के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 2 से 7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया है।
उत्तर से आने वाली हवाओं के कारण राज्य में ठंडक बढ़ी है। हालांकि आगामी एक सप्ताह तक राजस्थान में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने 11 से 13 अक्टूबर के बीच दक्षिण भारत में कई राज्यों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है:
- तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम और दक्षिण कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश संभव।
- ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को बिजली कड़कने और तेज हवाओं (30-40 किमी/घंटा) के साथ वर्षा की संभावना।
- पूर्वोत्तर राज्यों – नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में 11 अक्टूबर को भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है।
IMD के अनुसार, 10 अक्टूबर 2025 को दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इन राज्यों से वापसी ले ली:
- गुजरात के शेष हिस्से
- महाराष्ट्र के कुछ भाग
- मध्य प्रदेश
- उत्तर प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र
- बिहार के कुछ हिस्से
इससे यह संकेत मिलता है कि देशभर में अब शीतकालीन मौसम की शुरुआत धीरे-धीरे हो रही है।
देश में एक ओर जहां दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश और बिजली का कहर देखने को मिल सकता है, वहीं उत्तर भारत में सर्दी के मौसम की हल्की दस्तक मिल चुकी है। मौसम का यह तेजी से बदलता रुख आम जनजीवन के साथ-साथ किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह बदलाव संतुलित रहा तो रबी की फसलों के लिए फायदेमंद हो सकता है।