गाजा/वॉशिंगटन, 17 अक्टूबर 2025 —
अमेरिका की मदद से इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम तो लागू हो गया है, लेकिन गाजा पट्टी में शांति अब भी दूर नजर आ रही है। अब यहां एक नए खतरे ने दस्तक दी है — गृह युद्ध का खतरा, जो हमास की वापसी के बाद और बढ़ गया है।
हाल ही में हमास ने गाजा सिटी में 8 लोगों की हत्या कर दी। उन पर आरोप था कि वे इजरायल के लिए जासूसी कर रहे थे। हत्या का वीडियो भी जारी किया गया, जिससे गाजा में डर और गुस्से का माहौल बन गया है।
सोमवार से अब तक, हमास और अन्य कबीलों के बीच झड़पों में कम से कम 30 लोग मारे गए हैं।
इनमें 10 हमास लड़ाके और 20 अन्य समूहों के सदस्य शामिल हैं।
हमास के सशस्त्र लड़ाके अब सड़कों पर नजर आने लगे हैं। वे ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे हैं, छापेमारी कर रहे हैं और विरोधी कबीलों को निशाना बना रहे हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हमास यह संदेश देना चाहता है कि
“हम अभी भी गाजा में हैं और सत्ता में हैं।”
कतर के एक फिलिस्तीनी विश्लेषक तामेर कर्मौत ने कहा कि हमास गाजा में खुद को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, ताकि लोग देखें कि वह अब भी सबसे बड़ी ताकत है।
गाजा में कई पारिवारिक कबीले हैं जो दशकों से वहां की राजनीति में सक्रिय हैं। अब हमास और इन कबीलों के बीच टकराव शुरू हो गया है।
- दुगमुश कबीला — गाजा सिटी में सबसे बड़ा और हथियारबंद कबीला। हाल ही में हमास ने इस पर हमला किया।
- अल-मजयदा कबीला — खान यूनिस इलाके में सक्रिय है। इस पर भी हमास ने छापा मारा, जिसमें कई लोग मारे गए।
हालांकि, कुछ कबीलों ने अब हमास के साथ सहयोग करना शुरू कर दिया है, ताकि आपसी टकराव से बचा जा सके।
हमास-विरोधी एक युवा नेता मुहम्मद अल-मंशी (21 वर्ष) ने कहा:
“अगर हमास हम पर हमला करेगा, तो हम भी जवाब देंगे। हम मर जाएंगे, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।”
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट बताती है कि हमास मुख्य रूप से गाजा सिटी और दीर अल-बलाह में अपने विरोधियों पर दबाव बना रहा है। वह हथियारों के बल पर अपना दबदबा फिर से कायम करना चाहता है।
गाजा में हालात फिर से हिंसक हो गए हैं। अगर टकराव ऐसे ही चलता रहा, तो गृह युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है, जो वहां पहले से ही बुरे हालात को और बिगाड़ देगी।
गाजा में युद्धविराम के बावजूद शांति नहीं लौटी है। हमास की वापसी के साथ ही वहां कबीलों और समूहों में टकराव तेज हो गया है। आने वाले दिनों में गृह युद्ध का खतरा और बढ़ सकता है, जिससे वहां की आम जनता सबसे ज्यादा पीड़ित होगी।

