उत्तराखंड में मानसून के कमजोर पड़ने के बाद से ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क है और चटख धूप खिल रही है। उमसभरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ रही हैं, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में गर्मी चरम पर पहुंच गई है।
दून में बीते 23 वर्ष में सितंबर में सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। देहरादून समेत पांच जिलों में गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारें पड़ सकती हैं। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
करीब दो सप्ताह से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी वर्षा का क्रम थमा हुआ है। मैदानी क्षेत्रों में चटख धूप खिलने के कारण लगातार तापमान बढ़ रहा है।
गुरुवार को दून समेत प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिलने से भीषण गर्मी महसूस की गई। दून का अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जोकि बीते बुधवार को दर्ज किए गए 35.8 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक है। जबकि, बुधवार को ही 23 वर्ष में सितंबर में सर्वाधिक तापमान का रिकार्ड कायम कर लिया था।
इससे पहले केवल वर्ष 2020 में पारा 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। बीते एक सप्ताह के भीतर प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है। सितंबर में दून का आल टाइम रिकार्ड (36.6 डिग्री सेल्सियस) वर्ष 1976 में दर्ज किया गया था।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, देहरादून, चमोली, नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। अन्य जिलों में आंशिक रूप से बादल छाये रहने से लेकर आसमान साफ रह सकता है। नौ से 12 सितंबर के बीच प्रदेश में कहीं-कहीं भारी वर्षा के आसार हैं।
शहर, अधिकतम, न्यूनतम
देहरादून, 35.9, 24.6
ऊधमसिंह नगर, 36.0, 26.1
मुक्तेश्वर, 24.2, 16.0
नई टिहरी, 27.7, 17.4