अगरतला, 13 अक्टूबर 2025
त्रिपुरा पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुरक्षा एजेंसियों ने सबरूम रेलवे स्टेशन से एक संदिग्ध पाकिस्तानी महिला को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर नेपाल की जेल से फरार होकर बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान लौटने की फिराक में थी। इस घटना ने सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवास की बढ़ती चुनौतियों को एक बार फिर सामने ला दिया है।
त्रिपुरा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात 50 वर्षीय महिला को सबरूम रेलवे स्टेशन पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह कंचनजंगा एक्सप्रेस से वहां उतरी। यह ट्रेन सियालदह (कोलकाता) से चलकर मालदा, न्यू जलपाईगुड़ी, गुवाहाटी, बदरपुर और अगरतला होते हुए बांग्लादेश सीमा पर स्थित सबरूम तक जाती है।
गिरफ्तार महिला ने शुरुआत में खुद को दिल्ली की पुरानी बस्ती की निवासी बताया और अपना नाम साहिना परवीन बताया। हालांकि, पूछताछ के दौरान जब वह कोई वैध पहचान पत्र नहीं दिखा सकी और कमर से बंधे कागजों में कई पाकिस्तानी फोन नंबर बरामद हुए, तब उस पर शक और गहरा गया।
गहन पूछताछ के बाद महिला ने अपनी असली पहचान लुईस निगहत अख्तर भानो के रूप में स्वीकार की। वह पाकिस्तान के शेखपुरा जिले के गांव यंगनाबाद की निवासी है और मोहम्मद गोलाफ फराज की पत्नी है।
पूछताछ में महिला ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह 12 साल पहले ड्रग्स की तस्करी के लिए पासपोर्ट पर नेपाल गई थी, जहां 2014 में उसे एक किलो ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया गया था। नेपाल की अदालत ने उसे 15 साल की सजा सुनाई थी और वह काठमांडू जेल में बंद थी। लेकिन पिछले महीने नेपाल में अशांति के दौरान वह जेल से भाग निकली।
नेपाल से फरार होने के बाद महिला लगभग 15-16 दिन पहले भारत में दाखिल हुई। उसने बताया कि पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में प्रवेश करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सकी। इसके बाद एक एजेंट के निर्देश पर वह सिलीगुड़ी से कंचनजंगा एक्सप्रेस के जरिए त्रिपुरा के सबरूम पहुंची, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि महिला का भारत में उद्देश्य क्या था, उसके एजेंट कौन हैं, और क्या वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। उसके पास मिले पाकिस्तानी नंबरों की भी जांच की जा रही है।
त्रिपुरा, जो बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, पूर्वोत्तर भारत का एक बेहद संवेदनशील राज्य है। यह राज्य अवैध घुसपैठ, तस्करी, मानव तस्करी और अन्य सीमा-पार अपराधों के लिए लंबे समय से एक बड़ा मार्ग रहा है।