मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति प्रोत्साहन योजना का लाभ उन सभी विद्यार्थियों को मिलेगा, जिन्होंने 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित किए हों।
श्रेष्ठ तीन छात्र-छात्राओं में सम्मिलित नहीं होने के बावजूद सरकार ने उन्हें भी यह छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया है। स्नातक स्तर पर ऐसे मेधावियों को 1500 रुपये मासिक और स्नातकोत्तर स्तर पर 2000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति मिलेगी।
मंत्रिमंडल की बीती 31 मई की बैठक में मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मेधावी छात्रवृत्ति योजना को स्वीकृति दी गई है। उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष अथवा एक वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक पाने वाले तीन टापर छात्र-छात्राएं भी एकमुश्त धनराशि 60 हजार रुपये, 35 हजार रुपये एवं 25 हजार रुपये पाने के पात्र होंगे।
सत्र 2023-24 से प्रारंभ होगी यह योजना
स्नातक के अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के उपरांत ऐसे छात्र-छात्राओं का चयन कुल चार अथवा तीन वर्ष के संकलित परिणाम के आधार पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर न्यूनतम 60 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होने पर किया जाएगा। उन्हें क्रमश: 35 हजार, 25 हजार रुपये एवं 20 हजार रुपये एकमुश्त राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह योजना सत्र 2023-24 से प्रारंभ होगी। सत्र की अवधि एक जुलाई से 30 जून मानी जाएगी। प्रत्येक वर्ष के संस्थागत छात्र इस योजना के पात्र होंगे। छात्रवृत्ति के लिए मेधावियों को समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। प्रवेश के 20 दिन के अंदर आवेदन प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
अध्ययनरत छात्र-छात्रा की न्यूनतम उपस्थिति 75 प्रतिशत होगी। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले को 12वीं में प्राप्त अंकों और उपस्थिति के आधार पर छात्रवृत्ति मिलेगी। छात्रवृत्ति के लिए यह भी आवश्यक होगा कि संबंधित विद्यार्थी के विरुद्ध अनुशासनात्मक या विधिक कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।
दो दिन में 4200 पंजीकरण, प्राचार्यों के लिए उपस्थिति की नई व्यवस्था
उच्च शिक्षा सचिव ने बताया कि उच्च शिक्षा प्रवेश पोर्टल को लेकर छात्र-छात्राओं में उत्साह दिखाई दे रहा है। दो ही दिन में 4200 से अधिक पंजीकरण हुए। इनमें 50 प्रतिशत छात्र व 50 प्रतिशत छात्राएं हैं।
उन्होंने बताया कि समस्त राजकीय डिग्री कालेजों में प्राचार्यों की उपस्थिति जीआइएस आधारित ट्रैकिंग प्रणाली से दर्ज की जाएगी। उपस्थिति के लिए प्राचार्य का कालेज में पहुंचना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जियो बेस्ड ट्रैकिंग अटेंडेंस सिस्टम का उल्लंघन करने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य के विरुद्ध कड़े कदम उठाए जाएंगे।