राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु तीन दिवसीय उत्तराखण्ड भ्रमण पर मंगलवार को देहरादून पहुंच गई हैं। राष्ट्रपति ने राजभवन में राज्य के कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) से संवाद किया। उत्तराखंड की जनजातीय समूह राजी और बुक्सा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के अंतर्गत आते हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इन पीवीटीजी के सदस्यों से बातचीत की। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातियों के लिए केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका अधिकाधिक लाभ लें जिससे उनका आर्थिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि समुदाय इसके लिए स्वंय जागरूक रहें और स्वयं भी आगे बढ़ने के प्रयास करें।
उन्होंने समुदाय के लोगों से कहा कि आप आर्थिक रूप से सशक्त होंगे तभी सामाजिक एवं शैक्षिक, रूप से भी आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति और समाज आगे बढ़ता है तो देश आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक ऐसा प्रदेश है जहां सदियों से शिक्षा में यहां के लोग बहुत आगे हैं। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यहां के जनजातीय समुदाय शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका सहयोग एवं सभी का प्रयास जरूरी है। आप सभी को स्वयं भी अपने आप को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए किसी एक क्षेत्र में दक्ष होना जरूरी है। इसके लिए वह अपना कोई भी व्यवसाय चुन सकते हैं। समुदाय के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति को हस्तनिर्मित शॉल और पेंटिंग भेंट की गई।
इसके उपरांत राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने राजभवन आगमन पर उनके सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रतिभाग किया। राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका में आयोजित इस कार्यक्रम में राजी जनजाति द्वारा अपने नृत्य प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा आईटीबीपी द्वारा भी सांस्कृतिक संध्या में कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि), कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव बृजेश कुमार संत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।