देहरादून, 28 अक्टूबर:
उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती वर्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उत्तराखंड यात्रा की तारीख में बदलाव किया गया है। पहले प्रधानमंत्री के 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन अब उनका कार्यक्रम 11 नवंबर का तय हो रहा है। इसी दिन देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) में रजत जयंती वर्ष का भव्य समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
राज्य सरकार ने रजत जयंती वर्ष के तहत 1 से 11 नवंबर तक कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार की है। इस दौरान प्रदेशभर में सांस्कृतिक, सामाजिक और विकासात्मक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि इस बार स्थापना दिवस को पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर मनाया जाएगा — “हर जिले में उत्सव, हर गांव में भागीदारी” के मंत्र के साथ।
इन कार्यक्रमों में विकास प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, खेल प्रतियोगिताएँ, महिला और युवा सशक्तिकरण से जुड़े आयोजन, और जनकल्याण योजनाओं की झलकियाँ शामिल होंगी।
📅 कार्यक्रमों की मुख्य झलकियाँ
- 1 नवंबर: मुख्यमंत्री आवास में ईगास पर्व व सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- 2 नवंबर: पिथौरागढ़ में अल्ट्रा मैराथन और देहरादून में सांस्कृतिक आयोजन।
- 3 नवंबर: विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण।
- 4 नवंबर: विधानसभा विशेष सत्र और स्थानीय निकायों के कार्यक्रम।
- 5 नवंबर: प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन दून विश्वविद्यालय में।
- 6 नवंबर: संत सम्मेलन, रोजगार मेला, युवा महोत्सव और पूर्व सैनिक सम्मान समारोह।
- 7 नवंबर: कृषक सम्मेलन।
- 8 नवंबर: राज्य आंदोलनकारियों और महिलाओं का सम्मान सम्मेलन।
- 9 नवंबर: राज्य स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम, जिसमें रितिक परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ होंगी।
- 10 नवंबर: शीतकालीन पर्यटन सम्मेलन।
- 11 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समापन समारोह (FRI, देहरादून)।
प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियाँ और प्रोटोकॉल विभाग अलर्ट पर हैं। मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी कार्यक्रम समयबद्ध और प्रभावी ढंग से संपन्न हों। देहरादून में समापन समारोह को ऐतिहासिक और भव्य रूप देने की योजना है।
साल 2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह रजत जयंती वर्ष राज्य की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की दिशा पर चिंतन का अवसर है।
सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी में यह आयोजन न केवल उत्सव बने, बल्कि उत्तराखंड की विकास यात्रा का नई ऊँचाइयों की ओर संकेत भी दे।

