पटना, 20 नवंबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रभावशाली जीत दर्ज करने के बाद एनडीए ने आखिरकार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से अपना विधायक दल का नेता चुन लिया है। इसके साथ ही वह 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह आज पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया है, जहां पहले भी वह तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। यह उनका चौथा शपथ ग्रहण इसी मैदान में होगा।
भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और अनेक गणमान्य लोग शामिल होंगे। गांधी मैदान और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।
नालंदा जिले के हरनौत प्रखंड के कल्याण बिगहा गांव में वैद्य परिवार में जन्मे नीतीश कुमार बचपन से ही गंभीर और शांत स्वभाव के रहे। उनके पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और घर में देशभक्ति का वातावरण था। शुरू में वे राजनीति से दूर रहे और उन्होंने 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब NIT पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त कर बिहार राज्य बिजली बोर्ड में नौकरी शुरू की।
लेकिन जल्द ही उनका झुकाव राजनीति की ओर बढ़ा और वह जेपी आंदोलन से जुड़ गए। यही आंदोलन उनके जीवन का बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
नीतीश की राजनीतिक यात्रा आसान नहीं रही। 1977 और 1980 के शुरुआती विधानसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, 1985 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और फिर मंत्री बने। उसके बाद उनकी राजनीतिक यात्रा कई उतार-चढ़ाव से गुज़रती हुई मुख्यमंत्री पद तक पहुंची।
आज वे उन चुनिंदा नेताओं में शुमार हैं जिन्होंने दशकों तक अपने राजनीतिक प्रभाव को कायम रखा। आलोचकों द्वारा “राजनीतिक ढलान” में माना जा रहा उनका करियर इस चुनाव में एक बार फिर चमक उठा, और एनडीए की जीत ने उन्हें दसवीं बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा दिया।
दिलचस्प संयोग यह है कि नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन में नवंबर का महीना अत्यंत शुभ रहा है। वह अब तक पाँच बार नवंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं।
- 24 नवंबर 2005: दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, NDA के समर्थन से लालू राज का अंत।
- 26 नवंबर 2010: भारी बहुमत के साथ तीसरी बार सत्ता में वापसी।
- 20 नवंबर 2015: महागठबंधन के तहत बीजेपी के खिलाफ चुनाव जीतकर फिर बने सीएम।
- 16 नवंबर 2020: बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के साथ बने सातवीं बार मुख्यमंत्री।
- 20 नवंबर 2025: NDA को मिली बड़ी जीत के बाद 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ।
इन संयोगों के कारण नवंबर का महीना नीतीश कुमार की राजनीति में एक तरह से ‘लकी माह’ माना जाता रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से कुछ महीने पहले तक कमजोर माने जा रहे नीतीश कुमार ने इस चुनाव में प्रभावशाली वापसी की है। उनकी पार्टी जदयू और एनडीए के प्रदर्शन ने विपक्ष को भी चौंका दिया है। कई विशेषज्ञ इसे नीतीश की रणनीति, संगठनात्मक कौशल और राजनीतिक अनुभव का परिणाम बता रहे हैं।
अब जब वे 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं, माना जा रहा है कि यह उनकी राजनीतिक यात्रा का अंतिम पड़ाव भी हो सकता है—लेकिन यह पड़ाव भी उन्होंने एक शानदार जीत के साथ हासिल किया है।

