नई दिल्ली, 12 नवंबर 2025 | संवाददाता रिपोर्ट
दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुए भीषण ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने कार्रवाई तेज कर दी है। हरियाणा के फरीदाबाद में उस कार डीलर को हिरासत में लिया गया है, जिसने संदिग्ध डॉक्टर उमर और तारिक अहमद मलिक को हुंडई i20 कार बेची थी। माना जा रहा है कि इसी कार का इस्तेमाल धमाके में किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए डीलर से NIA और दिल्ली पुलिस की विशेष सेल पूछताछ कर रही है। जांच में पता चला है कि यह कार 29 अक्टूबर 2025 को खरीदी गई थी। उसी दिन कार का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट भी बनवाया गया था। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि खरीदारी के बाद कार में विस्फोटक कैसे और कब रखे गए।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह Hyundai i20 करीब 11 दिन तक हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में खड़ी रही थी। 10 नवंबर को आरोपी डॉक्टर उमर नबी कार लेकर दिल्ली आया था। बताया जा रहा है कि रास्ते में वह कई बार घबराहट में दिशा बदलता रहा। शाम करीब सात बजे जब वह लाल किले के पास पहुँचा, तभी कार में जोरदार धमाका हो गया।
10 नवंबर की शाम 7 बजे के आसपास हुए इस धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। धमाका इतना भीषण था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ जल गईं और इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
इस केस में तीन मुख्य संदिग्धों के नाम सामने आए हैं — डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर अदील अहमद डार और डॉक्टर उमर नबी। एजेंसियों को शक है कि डॉक्टर उमर धमाके के समय ही मारा गया, जबकि बाकी दो संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
घटना के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। NIA, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और IB की टीमें लगातार जांच में जुटी हैं। शुरुआती जांच में यह मामला आतंकी साजिश से जुड़ा बताया जा रहा है, हालांकि अभी तक किसी संगठन की ओर से जिम्मेदारी नहीं ली गई है।

