नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 129वें एपिसोड के जरिए देश को संबोधित किया। यह इस वर्ष का अंतिम एपिसोड था, जिसमें प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 की उपलब्धियों के साथ-साथ आने वाले वर्ष 2026 की चुनौतियों, संभावनाओं और विकास की दिशा पर भी विस्तार से चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने मणिपुर के चुराचांदपुर की रहने वाली मार्गरेट रामथार्सिएम के प्रयासों की विशेष रूप से सराहना की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मन की बात ऐसे लोगों को सामने लाने का एक मंच है, जो अपने परिश्रम से न केवल पारंपरिक कलाओं को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त भी बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मार्गरेट रामथार्सिएम ने मणिपुर के पारंपरिक उत्पादों, हैंडीक्राफ्ट, बांस और लकड़ी से बनी कलाकृतियों को एक बड़े विजन के साथ आगे बढ़ाया है।
पीएम मोदी ने कहा, “मार्गरेट रामथार्सिएम ने एक हैंडीक्राफ्ट आर्टिस्ट के रूप में शुरुआत की, लेकिन आज वे लोगों के जीवन को बदलने का माध्यम बन चुकी हैं।” प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान में मार्गरेट की यूनिट में 50 से अधिक कारीगर काम कर रहे हैं और उनकी मेहनत के चलते दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में उनके उत्पादों का बाजार विकसित हुआ है। इससे न केवल पारंपरिक शिल्प को पहचान मिली है, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त हुआ है।
मन की बात में नाम आने पर मार्गरेट रामथार्सिएम ने खुशी जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल ने आदिवासी पारंपरिक पहनावे और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के उनके जुनून को और मजबूत किया है। मार्गरेट ने कहा कि अब न केवल वे स्वयं, बल्कि कई स्थानीय कारीगर भी अपने आदिवासी शिल्प और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित महसूस कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकारी पहलों और प्लेटफॉर्म्स की वजह से पहले जो कारीगर गुमनाम थे, आज उन्हें जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। मार्गरेट के अनुसार, पीएम मोदी के प्रोत्साहन ने उनके आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाया है, जिससे वे भविष्य में अपने काम को और बड़े स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं।
मन की बात का यह एपिसोड देशभर में पारंपरिक शिल्प, स्थानीय उत्पादों और आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूत करने वाला संदेश लेकर सामने आया।
