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इज़रायल-हमास युद्धविराम पर सहमति, ग़ाज़ा से तेल अवीव तक जश्न का माहौल

ग़ाज़ा/तेल अवीव, 9 अक्टूबर 2025: दो वर्षों से चले आ रहे विनाशकारी युद्ध के बाद इज़रायल और हमास के बीच युद्धविराम की घोषणा हो गई है। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत बंधकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा। जैसे ही यह खबर सामने आई, ग़ाज़ा से लेकर तेल अवीव तक जश्न का माहौल बन गया। दोनों ओर के लोग एक-दूसरे को गले लगाकर, मिठाई खिलाकर और आंसू बहाकर अपनी भावनाएं व्यक्त करते नजर आए।

🤝 युद्धविराम की शर्तें और प्रक्रिया

  • समझौते की औपचारिक घोषणा इज़रायली संसद में होगी, जिसके बाद मिस्र में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  • कैदियों की सूची तैयार कर ली गई है, जिन्हें रिहा किया जाएगा।
  • संसद की मंजूरी के बाद 24 घंटे की अवधि होगी, जिसमें पीड़ित पक्ष आपत्ति दर्ज कर सकेंगे।
  • ग़ाज़ा से इज़रायली सेना की वापसी गुरुवार शाम से शुरू होने की संभावना है।
  • बंधकों और कैदियों की रिहाई रविवार रात या सोमवार से आरंभ हो सकती है।
  • रफ़ा बॉर्डर समेत पांच सीमा चौकियों को खोला जाएगा। शुरुआत में रोज़ाना 400 ट्रकों को ग़ाज़ा में प्रवेश की अनुमति मिलेगी, जो बाद में बढ़कर 600 हो सकती है।

ग़ाज़ा में जैसे ही युद्धविराम की खबर फैली, लोग सड़कों पर निकल आए, एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और खुशी से गले लगे। हमास के पास इस समय 48 बंधक हैं, जिनमें से लगभग 20 जीवित माने जा रहे हैं। हमास ने सभी बंधकों को, चाहे वे जीवित हों या मृत, लौटाने की सहमति दी है।

तेल अवीव में भी बंधकों के परिजनों ने खुशी में आंसू बहाए और आशा जताई कि अब उनका दुःस्वप्न समाप्त होगा।

इस समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहम भूमिका रही। उन्होंने बंधकों के परिवारों से वीडियो कॉल पर कहा, “बंधक वापस आ रहे हैं, वे सोमवार को लौट आएंगे।” अमेरिका ने ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहायता योजना का नेतृत्व करने का वादा किया है।

इसके अलावा, ग़ाज़ा की आंतरिक सुरक्षा के लिए अरब और मुस्लिम देशों की अंतरराष्ट्रीय सेना तैनात की जाएगी। फिलिस्तीनी प्राधिकरण को भविष्य में प्रशासनिक भूमिका दी जा सकती है, पर यह व्यापक सुधारों की शर्त पर आधारित होगा।

हालांकि युद्धविराम की घोषणा हो चुकी है, लेकिन ग़ाज़ा में इज़रायली हमले फिलहाल जारी हैं। उत्तरी ग़ाज़ा और खान यूनिस में बृहस्पतिवार को भी धमाकों की खबरें आईं। स्थानीय नागरिकों के अनुसार, वे युद्ध के दौरान अपने प्रियजनों और घरों को खो चुके हैं, और अब शांति की वापसी की आस लगाए हुए हैं।

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जहां युद्धविराम और कैदियों की रिहाई पर अंतिम मुहर लगेगी। संसद में इस समझौते को मंजूरी दी जाएगी। हालांकि, दक्षिणपंथी वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोटरिच ने समझौते को लेकर मिश्रित भावनाएं व्यक्त की हैं — उन्होंने बंधकों की वापसी का स्वागत किया, पर “आतंकी नेताओं की रिहाई” पर चिंता जताई।

यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने इज़रायल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या की और 251 लोगों को बंधक बना लिया। इसके जवाब में इज़रायल की सैन्य कार्रवाई में अब तक ग़ाज़ा में 67,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 1.7 लाख से अधिक घायल हुए हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

यह इस संघर्ष के दौरान तीसरी बार युद्धविराम हुआ है। पहले दो बार की तरह इस बार भी बंधकों और कैदियों की अदला-बदली पर जोर दिया गया है।

निष्कर्ष:
दो साल की लगातार हिंसा, असुरक्षा और विनाश के बाद यह युद्धविराम दोनों पक्षों के लिए शांति की एक नई शुरुआत हो सकता है। हालांकि, जमीनी हालात और राजनीतिक मतभेद इस प्रक्रिया को आसान नहीं बनाएंगे। आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह समझौता स्थायी समाधान की दिशा में पहला कदम बनता है या एक और अस्थायी विराम।

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