एक माह से सब्जी, फल और दालों के दाम में अप्रत्याशित उछाल आ गया है। इसकी वजह से रसोई का बजट बिगड़ गया है। महंगाई से हर आदमी पहले से ही परेशान है, वहीं इन दिनों टमाटर, हरी सब्जियों, चावल, दाल और तेल समेत सभी चीजों की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।
गरीब और मध्यम परिवारों की पहुंच से हरी सब्जियां दूर
वर्तमान में गरीब और मध्यम परिवारों की पहुंच से हरी सब्जियां दूर हो गई है। हाल यह है कि दो महीने पहले तक 120 रुपये प्रति किग्रा मिलने वाली अरहर की दाल 160 रुपये, सरसों तेल 118 से बढ़कर 180 रुपये प्रति लीटर है। जीरा के दाम दोगुना हो गए है। 350 रुपये किग्रा बिकने वाला सौंफ 550 रुपये किग्रा हो गया।
आटा, चीनी और साबुन समेत हर आवश्यक वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी हुई है। चावल 40 से बढ़कर 50 और कतरनी चावल से बढ़कर 56 रुपये प्रति किलो हो गया है। आटा प्रति दस किग्रा 425 से बढ़कर 440 रुपये हो गया है। छोटा काबुली 100 रुपये से बढ़कर 110 रुपये और एक्स्ट्रा बोल्ड काबुली 155 से बढ़कर 170 रुपये प्रति किग्रा हो गया है।
टमाटर हुआ लाल और हरी मिर्च हुई तीखी
मानसून आते ही सब्जियां भी महंगी हो गई। लोग अब टमाटर एक पाव (250ग्राम) या आधा किग्रा से काम चला रहे हैं। वर्तमान में टमाटर रेसकोर्स, मोती बाजार और पटेलनगर में 100 रुपये प्रति किग्रा तक बिक रहा है। परवल, भिंडी, कच्चा केला और करैला 40 से 70 रुपये प्रति किग्रा हो गया है।
तुर्किश सेब 300 रुपये के पार
तुर्की सेब जो मंडी में 250 रुपये में मिल रहा है। ये सेब बाहर की दुकानों में 350 रुपये प्रति किग्रा की दर से बिक रहा है। सामान्य दिनों में ये सेब अधिकतम 200 रुपये प्रति किग्रा तक ही बिकता है।
15 दिनों में दालाें के दाम में हुई बढ़ोत्तरी
- दाल का नाम -20 जून को दाम प्रति किग्रा -7 जुलाई के दाम
- अरहर दाल -120 रु -160 रु
- मसूर दाल -80 रु -120 रु
- मलका दाल -90 रु -120 रु
- चना दाल -65 रु -90 रु
- उड़द दाल- 85 रु -110 रु
- मूंग दाल -120 रु -160 रु
सब्जियों के दाम में अंतर
- सब्जी -पहले के दाम- वर्तमान में दाम
- फूल गोभी- 30 रु- 70 रुपये
- टमाटर- 20 रु -100 रु
- प्याज -20 रु -30 रु
- आलू -15 रु -25 रु
- हरी मिर्च- 80 रु- 250 रु
फलों के दाम
- आम 40 रु -70 रु
- सेब 80 रु -160 रु
- पपीता 30 रु- 80 रु
- लीची 100 रु -180 रु
- केला 40 रु -80 रु
बरसात में फल और सब्जियों की आवक गिर गई है। दरअसल, किसानों ने माल के सड़ने से तुड़ाई बंद कर रखी है। इसकी वजह से आवक में गिरावट हो गई है। बाहरी राज्यों से आने वाले माल की भी आवक कम हो गई है। इस कारण मांग बढ़ गई और पूर्ति में कमी हो गई है। इसकी वजह से फल और सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
– अजय डबराल, मंडी निरीक्षक