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इंडिगो पर नए संकट के बादल, CCI एंटीट्रस्ट जांच पर विचार में

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मुश्किलें दिसंबर में लगातार बढ़ती जा रही हैं। महीने की शुरुआत से अब तक 5000 से अधिक उड़ानें रद्द होने और हजारों यात्रियों के एयरपोर्ट पर फंसे रहने के बाद अब एयरलाइन एक नए regulatory संकट में घिर सकती है। सूत्रों के अनुसार, कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) एयरलाइन के खिलाफ एंटीट्रस्ट जांच शुरू करने पर विचार कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि CCI यह जांच सकता है कि क्या इंडिगो ने घरेलू विमानन बाज़ार में अपनी हावी स्थिति (Dominant Position) का अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया। जांच का फोकस इस बात पर हो सकता है कि क्या कंपनी ने यात्रियों को सेवाओं में बाधा पहुँचाई या अनुचित शर्तें थोपीं।

हालांकि CCI ने अभी तक आधिकारिक तौर पर जांच शुरू करने का ऐलान नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार आयोग इस पूरे मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है और जल्द ही निर्णय ले सकता है।

दिसंबर की उथल-पुथल के बीच, भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) पहले से ही घटनाओं की विस्तृत जांच कर रहा है। DGCA ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोर्क्वेरास को शो-कॉज नोटिस भेजकर 24 घंटे में जवाब मांगा था। इंडिगो ने तर्क दिया कि उसका नेटवर्क बेहद बड़ा और जटिल है, इसलिए तुरंत जवाब देना संभव नहीं है। कंपनी ने 15 दिन का समय मांगा, जिसे नियमों के तहत स्वीकार किया जा सकता है।

इंडिगो भारत के घरेलू विमानन बाजार का लगभग 65% हिस्सा नियंत्रित करती है। हालांकि, नए पायलट आराम नियमों को लागू करने में कठिनाइयों के कारण एयरलाइन को हाल के हफ्तों में क्रू की भारी कमी (Crew Shortage) का सामना करना पड़ा।

  • एयरलाइन को जरूरत थी: 2422 कैप्टन
  • उपलब्ध थे: 2357 कैप्टन

इसी कमी की वजह से दिसंबर में 5000 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे यात्रियों में भारी नाराज़गी फैली।

कॉम्पिटिशन एक्ट की धारा 4 के अनुसार, कोई भी प्रमुख कंपनी अपने प्रभाव का उपयोग कर:

  • अनुचित या भेदभावपूर्ण नियम लागू नहीं कर सकती
  • सेवाओं की आपूर्ति में बाधा नहीं डाल सकती
  • ग्राहकों पर अनुचित शर्तें नहीं थोप सकती

अगर CCI को शुरुआती जांच में लगे कि इंडिगो ने इन प्रावधानों का उल्लंघन किया है, तो वह पूर्ण जांच के आदेश दे सकता है, जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो एंटीट्रस्ट सवालों के घेरे में आई हो। इससे पहले:

  • 2015 — यात्रियों पर अनुचित शर्तें लगाने की शिकायत
  • 2016 — एयर इंडिया की ओर से भर्ती प्रक्रिया पर शिकायत

—दोनों मामलों को CCI ने सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया था।

अब नज़रें इस बात पर हैं कि क्या CCI इंडिगो के खिलाफ औपचारिक जांच शुरू करने का आदेश देता है। यदि ऐसा हुआ, तो यह एयरलाइन के लिए ऑपरेशनल संकट के बाद एक कानूनी और प्रतिष्ठागत चुनौती भी बन सकती है।

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