सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने कहा है कि दुनिया के सभी देशों को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद की बुरी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा। यह हमला ऑस्ट्रेलिया में हाल के वर्षों की सबसे भीषण सामूहिक हिंसक घटनाओं में से एक बताया जा रहा है, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।
व्हाइट हाउस में यहूदी हनुक्का फेस्टिवल के अवसर पर यहूदी अमेरिकियों की मेजबानी करते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने सिडनी हमले का जिक्र किया। उन्होंने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि अमेरिका यहूदी समुदाय के साथ मजबूती से खड़ा है और उनके समर्थन के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा,
“मैं ऑस्ट्रेलिया के लोगों को अपना प्यार और दुआएं भेजना चाहता हूं, खासकर उन लोगों को जो सिडनी में हनुक्का समारोह के दौरान हुए भयानक और यहूदी-विरोधी आतंकवादी हमले से प्रभावित हुए हैं। सभी देशों को कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद की बुरी ताकतों के खिलाफ एक साथ खड़ा होना चाहिए।”
बताया गया है कि यह हमला रविवार को सिडनी के मशहूर बॉन्डी बीच पर उस समय हुआ, जब बड़ी संख्या में यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का सेलिब्रेशन में शामिल थे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने भी इस घटना को यहूदी-विरोधी आतंकवादी कृत्य करार दिया है। पुलिस के अनुसार, हमलावर इस्लामिक स्टेट से प्रेरित थे और गोलीबारी में शामिल आरोपियों में एक पिता और उसका बेटा शामिल था।
न्यू साउथ वेल्स पुलिस के अनुसार, एक 50 वर्षीय हमलावर को मौके पर ही गोली मार दी गई, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा घायल अवस्था में गिरफ्तार किया गया, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमले में मारे गए लोगों की उम्र 10 से 87 साल के बीच बताई गई है। इसके अलावा, कम से कम 42 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस आतंकी हमले की दुनियाभर में निंदा की जा रही है। इजरायल ने घटना को लेकर सख्त रुख अपनाया है, वहीं भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपने इजरायल दौरे के दौरान सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है।

