नई दिल्ली, 2025।
दिल्ली-एनसीआर की हवा इन दिनों लोगों के लिए जहर से कम नहीं है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कई इलाकों में 700 के पार पहुंच चुका है, जो “गंभीर” श्रेणी से भी ऊपर है। इसका सीधा असर लोगों के फेफड़ों, दिल और दिमाग पर पड़ रहा है। डॉक्टर्स तक अब मरीजों को सलाह दे रहे हैं कि “कुछ दिन दिल्ली से बाहर चले जाइए, वरना फेफड़े जवाब दे देंगे।”
ऐसे हालात में योग गुरु स्वामी रामदेव ने बताया कि किस तरह प्राकृतिक और घरेलू उपायों से फेफड़ों को मजबूत रखा जा सकता है और जहरीली हवा के असर को कम किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्मॉग और प्रदूषण का असर सिर्फ सांस तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करता है।
- गले में खराश और जलन
- आंखों में कंजक्टिवाइटिस और जलन
- नाक में खुजली और बंद होना
- सूखी खांसी और सीने में चुभन
- त्वचा पर एलर्जी
- दिल और दिमाग पर असर, जिससे ब्लड फ्लो घटता है और स्ट्रोक या डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है।
विशेष चिंता उन लोगों के लिए है जो स्मोकिंग भी करते हैं, क्योंकि प्रदूषण के साथ तंबाकू का सेवन फेफड़ों के कैंसर और हृदय रोगों का खतरा दोगुना कर देता है।
स्वामी रामदेव के सुझाए प्रदूषण से बचाव के उपाय
- बच्चे, बुज़ुर्ग और बीमार व्यक्ति जितना संभव हो घर से बाहर न निकलें।
- यदि बाहर जाना पड़े तो एन95 मास्क पहनें।
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- खट्टी, ठंडी चीज़ें और सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज करें।
- आंवला, तुलसी, अदरक और शहद का सेवन करें।
- नियमित रूप से गुनगुना पानी पीते रहें।
- गले में खराश होने पर नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करें।
- नाक बंद होने पर सुबह-शाम भाप लें
स्वामी रामदेव के अनुसार, तंबाकू सेवन से शरीर में कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है —
- हृदय रोग
- मधुमेह
- फेफड़ों की समस्या
- माइग्रेन
- चिंता और डिप्रेशन
- स्मोकिंग छुड़ाने में कारगर आयुर्वेदिक पाउडर
फेफड़ों को साफ और मजबूत रखने के लिए स्वामी रामदेव ने एक विशेष पाउडर रेसिपी बताई है, जिसमें शामिल हैं —
हल्दी, अजवाइन, लौंग, कपूर, काली मिर्च, सेंधा नमक, बबूल की छाल और पिपरमिंट।
इन सभी को मिलाकर बनाया गया मिश्रण धूम्रपान की आदत छोड़ने में मददगार होता है।
एलर्जी से राहत देने वाला घरेलू पाउडर
- 100 ग्राम बादाम
- 20 ग्राम काली मिर्च
- 50 ग्राम शक्कर
इन्हें मिलाकर पाउडर बना लें और रोज 1 चम्मच दूध के साथ लें। यह खांसी, गले की खराश और एलर्जी में फायदेमंद है।
स्वामी रामदेव के अनुसार, नशा छुड़ाने में अजवाइन अर्क बहुत प्रभावी है।
250 ग्राम अजवाइन को 1 लीटर पानी में उबालें और छानकर रखें। भोजन के बाद इस अर्क का सेवन करने से नशा करने की आदत धीरे-धीरे समाप्त होती है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि प्रदूषण और धुएं से बचने के लिए योग, प्राणायाम और आयुर्वेदिक दिनचर्या को जीवन में शामिल करना आवश्यक है। उन्होंने अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम को फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी बताया।

