वॉशिंगटन, 15 अक्टूबर:
अमेरिका के शीर्ष रणनीतिक विशेषज्ञ और भारत व दक्षिण एशिया मामलों के जानकार एश्ले जे. टेलिस को चीनी जासूसी के गंभीर आरोपों के तहत एफबीआई ने गिरफ्तार किया है। टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अति गोपनीय दस्तावेजों को अवैध रूप से रखा और चीन के सरकारी अधिकारियों के साथ बार-बार गुप्त संपर्क बनाए।
फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 64 वर्षीय टेलिस पर संवेदनशील रक्षा जानकारी को छुपाने, गुप्त दस्तावेज छपवाने, और 2023 से चीन के प्रतिनिधियों के साथ अनधिकृत संवाद बनाए रखने के आरोप हैं। यह मामला अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई और न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग द्वारा जांचा जा रहा है।
एफबीआई द्वारा वर्जीनिया स्थित टेलिस के आवास की तलाशी के दौरान, ‘टॉप सीक्रेट’ और ‘सीक्रेट’ चिह्नित 1000 से अधिक दस्तावेज जब्त किए गए।
अभियोजकों के अनुसार, टेलिस ने सितम्बर 2024 तक अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी दस्तावेजों की प्रतियां बनवाईं।
12 सितम्बर को उन्होंने एक सहकर्मी से प्रतिबंधित दस्तावेज प्रिंट कराने को कहा, और 25 सितम्बर को उन्होंने अमेरिकी वायुसेना की क्षमताओं से जुड़ी जानकारियां छपवाईं।
चीनी अधिकारियों से संदिग्ध मुलाकातें
- सितम्बर 2022: टेलिस को वर्जीनिया के एक रेस्टोरेंट में चीनी प्रतिनिधियों से मिलते और एक लिफाफा पकड़े देखा गया।
- 2 सितम्बर 2023: वे चीनी अधिकारियों के साथ एक डिनर में शामिल हुए और गिफ्ट बैग प्राप्त किया।
- इन गतिविधियों को अभियोजन पक्ष ने संभावित जासूसी प्रयासों से जोड़ते हुए गंभीर चिंता जताई है।
- टेलिस की पृष्ठभूमि और भारत से संबंध
- जन्म: मुंबई, भारत
- शिक्षा: सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई; डॉक्टरेट – यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो
भूमिकाएं:
- अमेरिकी विदेश विभाग में वरिष्ठ सलाहकार (2001 से)
- नई दिल्ली स्थित अमेरिकी राजदूत के सलाहकार
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में राष्ट्रपति के विशेष सहायक (जॉर्ज बुश शासन)
- भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते (2005–2008) में अहम भूमिका
वर्तमान में टेलिस वॉशिंगटन डीसी स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में टाटा चेयर फॉर स्ट्रैटेजिक अफेयर्स के तहत सीनियर फेलो के रूप में कार्यरत हैं। वह अमेरिकी रक्षा नीति, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और एशिया मामलों के एक प्रमुख विश्लेषक माने जाते हैं।
एफबीआई और अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा अभी टेलिस से पूछताछ जारी है। उनके संपर्कों, दस्तावेजों की प्रकृति, और चीन से संभावित संबंधों की गहन जांच की जा रही है। यदि दोषी पाए गए, तो उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, गोपनीयता कानूनों के उल्लंघन, और शत्रु राष्ट्र से संपर्क जैसे गंभीर आपराधिक आरोप लग सकते हैं।
टेलिस जैसे वरिष्ठ और भारत में जन्मे विशेषज्ञ पर चीनी जासूसी का आरोप, अमेरिका की विदेश नीति व खुफिया तंत्र पर बड़ा सवाल है। यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों की विश्वसनीयता पर भी असर डाल सकता है, खासकर जब टेलिस ने दशकों तक दोनों देशों के बीच रणनीतिक सेतु की भूमिका निभाई है।