नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के गंभीर परिचालन संकट के बाद कई रूटों पर हवा-हवाई किराया आसमान छूने लगा था। स्थिति को देखते हुए भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी प्रभावित रूटों पर अधिकतम किराया सीमा (Fare Cap) लागू कर दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी एयरलाइन तय की गई सीमा से अधिक किराया नहीं वसूल सकेगी।
सरकार ने दूरी के आधार पर किराये की कैप तय की है:
दूरी अधिकतम किराया
500 किमी तक ₹7,500
500–1000 किमी ₹12,000
1000–1500 किमी ₹15,000
1500 किमी से अधिक ₹18,000
मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा और किसी भी तरह की विसंगति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पिछले 5 दिनों से इंडिगो बड़े पैमाने पर परिचालन संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते एयरलाइन ने हजारों उड़ानें रद्द की हैं और कई उड़ानें काफी देरी से संचालित हो रही हैं। इंडिगो की इस स्थिति का फायदा उठाकर कुछ एयरलाइंस ने किराया कई गुना बढ़ा दिया था।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 6 दिसंबर को स्पाइसजेट की कोलकाता–मुंबई इकॉनमी क्लास टिकट की कीमत ₹90,000 तक पहुंच गई, जबकि एयर इंडिया की मुंबई–भुवनेश्वर उड़ान का किराया ₹84,485 तक दर्ज किया गया।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि किराये पर नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी टीम गठित की गई है, जो रियल-टाइम में एयरफेयर की मॉनिटरिंग करेगी और एयरलाइंस व ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल्स से समन्वय बनाए रखेगी।
मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नए नियमों का उल्लंघन करने वाली एयरलाइंस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि यह कदम यात्रियों के हित में आवश्यक था ताकि किसी भी प्रकार का आर्थिक शोषण न हो।
फेयर कैप लागू होने के बाद उम्मीद है कि प्रभावित रूटों पर यात्रियों को राहत मिलेगी और अनियंत्रित किरायों पर रोक लगेगी। इंडिगो के परिचालन में सुधार होने तक यह कदम घरेलू यात्रा बाजार को स्थिरता प्रदान करेगा।

