मनोज बाजपेयी की बहुप्रतीक्षित वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन 3’ अब अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है। दो सीजन्स की जबरदस्त सफलता के बाद, दर्शकों को इस सीजन में जयदीप अहलावत और निमरत कौर जैसे सितारे भी देखने को मिल रहे हैं।
सीरीज में मनोज बाजपेयी ने फिर से श्रीकांत तिवारी के किरदार में अभिनय किया है। इस बार उनकी चुनौती नॉर्थ-ईस्ट में एक ड्रग डीलर रुक्मा (जयदीप अहलावत) से है। कहानी नागालैंड के कोहिमा में एक पारंपरिक समारोह और धमाकों से शुरू होती है, जिससे पूरे देश में तनाव फैलता है।
श्रीकांत तिवारी का सामना व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों मोर्चों पर मुश्किलों से होता है। एक हमले में उनके बॉस और एक नेता की मौत हो जाती है, और श्रीकांत खुद सस्पेक्ट बनकर अंडरग्राउंड हो जाते हैं। इस दौरान वे अपने परिवार की सुरक्षा के लिए संघर्ष करते हैं।
सीरीज के डायरेक्टर राज और डीके ने कलाकारों की मदर टंग और रियल लाइफ बैकग्राउंड को ध्यान में रखते हुए कास्टिंग की है। नॉर्थ-ईस्ट के किरदारों के लिए स्थानीय कलाकार चुने गए हैं। कहानी में ग्लैमर की बजाय सधा हुआ लेखन और यथार्थवादी थ्रिल देखने को मिलता है।
अभिनय और परफॉर्मेंस
- मनोज बाजपेयी ने इस बार भी श्रीकांत तिवारी के किरदार में दमदार और प्रभावशाली अभिनय किया है।
- जयदीप अहलावत का रुक्मा किरदार खतरनाक और चुनौतीपूर्ण है।
- निमरत कौर (मीरा) और गुल पनाग (सलोनी) भी अपने किरदार में प्रभावशाली हैं।
- बच्चों ने भी अपने अभिनय से कहानी में रंग भरा है।
- शारिब हाशमी (जेके) कॉमिक और टेंशन रिलीफ का संतुलन बनाए रखते हैं।
सीरीज की खासियत
- यथार्थवाद और लोकेशन पर विशेष ध्यान
- टीमवर्क और रणनीति पर जोर
- बिना ओवर-द-टॉप हीरोइज्म के रियलिस्टिक एक्शन
- कहानी की गहराई और पात्रों के बीच के रिश्ते
कमजोरियां
- शुरुआती एपिसोड थोड़े स्लो और बोझिल लग सकते हैं
- कुछ इमोशनल और साइड किरदारों के सीन अधूरे महसूस होते हैं
‘द फैमिली मैन 3’ थ्रिल, ड्रामा और यथार्थवाद का बेहतरीन मिश्रण है। अगर आप श्रीकांत तिवारी के फैन हैं, तो यह सीजन आपको निराश नहीं करेगा।

