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हिंदी साहित्यकार स्व. शैलेश मटियानी को ‘उत्तराखण्ड गौरव सम्मान–2025’, मुख्यमंत्री धामी ने पुत्र राकेश मटियानी को सौंपा सम्मान

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक सादगीपूर्ण और गरिमामय समारोह में प्रख्यात हिंदी साहित्यकार स्वर्गीय शैलेश मटियानी को प्रदान किया गया ‘उत्तराखण्ड गौरव सम्मान–2025’ उनके पुत्र राकेश मटियानी को सौंपा। यह सम्मान शैलेश मटियानी के उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान, हिंदी कहानी के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका तथा उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत बनाने के लिए दिया गया।

समारोह में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि
“श्री शैलेश मटियानी केवल एक साहित्यकार नहीं, बल्कि संवेदनाओं के कुशल शिल्पी थे। आधुनिक हिंदी कहानी आंदोलन में उनका योगदान अविस्मरणीय है।”
उन्होंने कहा कि मटियानी की कहानियों में आम जन की पीड़ा, संघर्ष और जीवन-सत्य का सशक्त चित्रण मिलता है, जो उन्हें भारतीय साहित्य के श्रेष्ठ रचनाकारों में शामिल करता है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उन महान प्रतिभाओं का निरंतर सम्मान करती रहेगी, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया है।

धामी ने मटियानी की महत्वपूर्ण कृतियों—“बोरीवली से बोरीबन्दर”, “मुठभेड़”, “अधागिनी”, “चील”—का उल्लेख करते हुए कहा कि ये रचनाएँ आज भी साहित्य जगत में उतनी ही प्रासंगिक हैं और हिंदी कहानी विश्व को नई दिशा देने का सामर्थ्य रखती हैं।

सम्मान प्राप्त करते हुए शैलेश मटियानी के पुत्र राकेश मटियानी ने उत्तराखण्ड सरकार और मुख्यमंत्री धामी का आभार जताया। उन्होंने कहा,
“यह सम्मान केवल हमारे परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि प्रदेश के सभी साहित्य प्रेमियों और मटियानी जी के प्रशंसकों के लिए गौरव का क्षण है।”

कार्यक्रम में सचिव विनोद कुमार सुमन, वरिष्ठ अधिकारी, साहित्यकार और मटियानी परिवार के सदस्य मौजूद रहे। पूरे समारोह का माहौल साहित्यिक गरिमा और श्रद्धा से परिपूर्ण रहा।

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