उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी प्रभावशाली रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो PAN कार्ड रखने के मामले में सात साल की सज़ा सुनाई है। अदालत ने दोनों को दोषी मानते हुए यह सख्त फैसला दिया। यह मामला 2019 में दर्ज कराया गया था।
आज़म ख़ान इसी साल 23 सितंबर 2025 को विभिन्न मामलों में ज़मानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए थे। वे अक्टूबर 2023 से जेल में बंद थे और कई मुकदमों के चलते लगातार अदालतों के चक्कर लगा रहे थे। रिहाई के सिर्फ 55 दिन बाद उन्हें एक बार फिर सज़ा सुनाई गई है। अब 17 नवंबर से उन्हें दोबारा जेल भेजा जाएगा। अदालत के फैसले में उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को भी समान अवधि की सज़ा दी गई है।
यह केस बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि आज़म ख़ान दो अलग-अलग PAN कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें उनकी उम्र अलग-अलग दर्ज है। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद कोर्ट ने दोनों को दोषी माना।
एक समय था जब आज़म ख़ान समाजवादी पार्टी की सरकार में बेहद ताक़तवर नेता माने जाते थे। मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में उनकी पकड़ मजबूत रहती थी। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद उनके खिलाफ मुकदमों की संख्या बढ़ती गई और वे कई बार जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। लगातार कानूनी मुश्किलों ने उनके राजनीतिक भविष्य पर भी बड़ा असर डाला है।
इस नए फैसले के बाद आज़म ख़ान और उनके बेटे की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अदालत के इस निर्णय को यूपी की राजनीति में एक और बड़ा मोड़ माना जा रहा है।

