देहरादून, 9 नवम्बर:
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) परिसर में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा को समर्पित एक विशेष संवाद सत्र में भाग लिया और विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले प्रतिभागियों से बातचीत की।
इस संवाद में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएँ, युवा नवाचारक, पर्यटन और एडवेंचर स्पोर्ट्स से जुड़े उद्यमी तथा सरकारी योजनाओं के लाभार्थी शामिल रहे। प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार की योजनाओं, बेहतर संपर्क एवं बुनियादी ढाँचे और नवाचार को प्रोत्साहन से उनके जीवन और आजीविका में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इन प्रतिभागियों को उत्तराखंड की नई पहचान — “आत्मनिर्भर, सशक्त और सतत राज्य” — का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इन युवाओं, उद्यमियों और ग्रामीण महिलाओं की सफलता की कहानियाँ “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को साकार करने में प्रेरक भूमिका निभाएंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, “उत्तराखंड की प्रगति जनभागीदारी, सामुदायिक नेतृत्व और नवाचार की भावना से प्रेरित है। यह राज्य न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि मानवीय क्षमता और सतत विकास का उदाहरण भी बन रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह संवाद “विकसित उत्तराखंड” की दिशा में जनसहभागिता आधारित विकास मॉडल की झलक प्रस्तुत करता है, जिसमें प्रत्येक नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।
एफआरआई परिसर में आयोजित इस समारोह में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण और हजारों नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलकियों और राज्य के 25 वर्षों की उपलब्धियों की प्रदर्शनी के साथ हुआ।

