मुंबई, 5 नवंबर 2025:
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी के मेयर बनने की खबर ने पूरी दुनिया में भारतीयों को गर्व से भर दिया। लेकिन इसी खुशखबरी ने मुंबई की सियासत में हलचल मचा दी है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष अमित साठम के एक बयान ने राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है, जिससे एक बार फिर धर्म और राजनीति आमने-सामने खड़े दिख रहे हैं।
न्यूयॉर्क में मुस्लिम उम्मीदवार जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित साठम ने सोशल मीडिया पर लिखा —
“उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस जैसी पार्टियां मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। इनके मंचों पर बम ब्लास्ट के आरोपी और पाकिस्तान समर्थक झंडे लहराने वाले दिखते हैं। अब मुंबई का रंग बदलने की साज़िश हो रही है। मुंबईवासियों को सतर्क रहना चाहिए और किसी ‘ख़ान’ को मेयर नहीं बनने देना चाहिए।”
यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। समर्थक और विरोधी दोनों खेमों में तीखी बहस शुरू हो गई।
बीजेपी के इस बयान की विपक्षी पार्टियों ने कड़ी निंदा की है।
AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा —
“बीजेपी के पास अब सिर्फ हिंदू-मुस्लिम की राजनीति बची है। मुंबई का मेयर कोई भी हो सकता है — हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई। संविधान सबको बराबर हक देता है। बीजेपी कौन होती है तय करने वाली कि कौन मेयर बनेगा?”
सपा नेता अबू आज़मी ने कहा —
“जोहरान ममदानी की जीत इस बात की मिसाल है कि अमेरिका में काबिलियत के आधार पर वोट दिया जाता है, धर्म देखकर नहीं। भारत में बीजेपी समाज को बांटने में लगी है। अब जनता को तय करना होगा कि उन्हें नफरत चाहिए या तरक्की।”
शिवसेना (यूबीटी) की नेता और पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा —
“अमित साठम को पहले खुद की काबिलियत पर सवाल करना चाहिए। बीजेपी के पास कोई विकास का एजेंडा नहीं है, इसलिए वो लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है।”
कांग्रेस ने भी बयान जारी कर कहा कि बीजेपी मुंबई में जानबूझकर धार्मिक ध्रुवीकरण कर बीएमसी चुनाव को प्रभावित करना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया है कि बीएमसी चुनाव जनवरी 2026 से पहले कराए जाएं। ऐसे में चुनाव से पहले धर्म और राजनीति की यह बहस सियासी समीकरणों को गर्मा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी और विपक्ष — दोनों ही दल जोहरान ममदानी की ऐतिहासिक जीत को अपने-अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।
34 वर्षीय जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क के इतिहास में पहले भारतीय मूल के मुस्लिम मेयर बने हैं। वे अपने प्रगतिशील विचारों, सामाजिक न्याय के मुद्दों और प्रवासी समुदाय के हक़ की लड़ाई के लिए जाने जाते हैं। ममदानी ने कहा था —
“मेरी जीत इस बात का प्रमाण है कि विविधता लोकतंत्र की ताकत है, कमजोरी नहीं।”

