अयोध्या, 28 अक्टूबर:
रामनगरी अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। अब मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को ध्वजारोहण करेंगे। यह वही मंदिर है, जिसका भूमि पूजन स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया था और बाद में 22 जनवरी 2024 को उन्होंने ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की थी।
इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत सहित कई प्रमुख संत-महात्मा और श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पूरी तरह नागर शैली में निर्मित है और पत्थरों से बना यह विशाल मंदिर अब पूरी तरह तैयार हो चुका है।
भूतल पर रामलला विराजमान हैं,
जबकि प्रथम तल पर राम परिवार की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
मंदिर का कलश और ध्वज दंड पहले ही स्थापित हो चुके हैं।
800 मीटर लंबे आयताकार पत्थरों के परकोटे से मंदिर परिसर को घेरा गया है, जिसकी चौड़ाई लगभग 14 फीट है। इसके चारों कोनों पर शिवलिंग, गणपति, सूर्य देव और मां भगवती की मूर्तियां स्थापित हैं।
दक्षिणी दिशा में हनुमान जी का मंदिर,
उत्तरी दिशा में माता अन्नपूर्णा का मंदिर स्थित है।
दोनों मंदिरों में कलश और ध्वजदंड लगाए जा चुके हैं और इनकी प्राण प्रतिष्ठा जून माह में हो चुकी है।
शेषावतार (लक्ष्मण जी) का मंदिर भी दक्षिण-पश्चिम कोने में बनकर तैयार है।
इसके अतिरिक्त परिसर में सप्त मंडप — महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और माता अहिल्या के मंदिर बनाए गए हैं।
तुलसीदास जी, जटायू (कुबेर टीला) और गिलहरी (अंगद टीला) की मूर्तियों की स्थापना भी की जा चुकी है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं।
भक्तों की सुगमता से दर्शन सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश, दर्शन व्यवस्था, और सुरक्षा प्रबंधन को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है।
राम मंदिर के परिसर के भीतर के कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि बाहरी क्षेत्र में कुछ निर्माण कार्य अभी चल रहे हैं।
मंदिर तक पहुंचने वाली सड़कों और संपर्क मार्गों का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कर रही है।
भूमि का सुंदरीकरण और हरियाली का काम जीवर संस्था के जिम्मे है।
मंदिर के दक्षिणी और पश्चिमी भाग में 10 एकड़ में पंचवटी क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
भक्तों के लिए शौचालय परिसर, अतिथि गृह, और सभागार बन चुके हैं, जबकि चार प्रवेश द्वारों का निर्माण अभी जारी है।
70 एकड़ में फैला यह भव्य परिसर भारत की आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बन चुका है।
अब 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिखर ध्वजारोहण के साथ राम मंदिर की भव्यता को अंतिम स्वरूप मिल जाएगा।

