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देशभर में छठ महापर्व की धूम, आस्था और श्रद्धा में डूबे श्रद्धालु

नई दिल्ली / पटना / मुंबई / वाराणसी, 28 अक्टूबर:
देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद मंगलवार सुबह व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित कर चार दिवसीय पर्व का समापन किया। बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और नेपाल के विभिन्न हिस्सों में घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।

घाटों पर पारंपरिक गीतों की गूंज और पूजा-अर्चना के बीच भक्तिमय माहौल देखने को मिला। सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे और प्रशासन की विशेष टीमें पूजा स्थलों पर तैनात रहीं।

छठ पर्व सूर्य उपासना का पर्व है, जिसमें व्रती महिलाएं परिवार और समाज के कल्याण के लिए उपवास रखकर अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देती हैं। इस मौके पर पटना, वाराणसी, गोरखपुर और नोएडा के घाटों पर व्रती पारंपरिक वस्त्रों में सजधज कर पूजा में शामिल हुईं।

छठ पर्व के अवसर पर देश के कई राजनीतिक नेताओं ने भी श्रद्धा के साथ भाग लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (X) पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “चार दिवसीय छठ पूजा हमारी भव्य परंपरा का प्रतीक है। छठी मैया की कृपा सभी पर बनी रहे।”

बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने किशनगंज में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और लोगों के बीच सद्भाव व प्रेम की कामना की।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह उनके जीवन का सौभाग्य है कि उन्हें पहली बार अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का अवसर मिला।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई के जुहू बीच पर छठ उत्सव में शामिल हुए और कहा कि “भगवान सूर्य नारायण अनंत ऊर्जा के प्रतीक हैं, और यह पर्व देश की एकता और श्रद्धा का प्रतीक है।”
दिल्ली के मंत्री आशीष सूद ने कहा कि 12 साल बाद यमुना नदी पर छठ पूजा का आयोजन हमारी आस्था और स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बिहार के गया में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने छठ व्रतियों के बीच फल, नारियल और गमछे वितरित किए और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। मुस्लिम समाज की यह पहल साम्प्रदायिक एकता और भाईचारे की मिसाल बन गई।

नेपाल के बीरगंज में घड़ियारवा पोखरी को रोशनी और लेज़र शो से सजाया गया। मुंबई, नोएडा, वाराणसी, और चंदौली जैसे शहरों में घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। हर ओर “छठ मइया के गीत” गूंजते रहे और सूर्यदेव की आराधना में जनसमूह मग्न दिखाई दिया।

छठ पूजा ने एक बार फिर साबित किया कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, पर्यावरण, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक परंपरा का संगम है। देशभर में छठी मैया के जयकारों के साथ भक्तों ने भगवान सूर्य से सुख, समृद्धि और सौहार्द की प्रार्थना की।

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