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“पिता के चरणों में छोड़ा गौरव और दर्द – पंकज धीर के निधन पर निकितिन धीर का भावुक श्रद्धांजलि संदेश”

हिंदी फिल्म और टेलीविजन जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का 15 अक्टूबर 2025 को मुंबई में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से कैंसर से जूझ रहे थे। 17 अक्टूबर को उनके सम्मान में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री की कई मशहूर हस्तियों ने भाग लिया। इस दुखद समय में पंकज धीर के बेटे, अभिनेता निकितिन धीर ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपने दर्द और आस्था को साझा किया।

निकितिन ने इंस्टाग्राम स्टोरी में देवी काली के चरणों की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा:

“उनके चरणों में मैंने अपना नाम, अपना गौरव, अपना दर्द छोड़ दिया… और उन्होंने मुझे अपना कहा।”

इस पोस्ट ने लाखों लोगों के दिल को छू लिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इससे पहले निकितिन ने एक और पोस्ट में लिखा था:

“जो भी आए, उसे आने दो। जो भी रहे, उसे रहने दो। जो भी जाए, उसे जाने दो। एक शिव भक्त के रूप में, ‘शिवार्पणम’ कहो और आगे बढ़ो! वह ध्यान रखेंगे!”

निकितिन ने यह भी स्वीकार किया कि ऐसा करना बेहद कठिन है, लेकिन उन्होंने आस्था और मानसिक मजबूती से इस दुःख का सामना करने की बात कही।

17 अक्टूबर को आयोजित प्रार्थना सभा में अभिनेता सलमान खान, सुरेश ओबेरॉय, ईशा देओल समेत कई फिल्मी सितारे पहुंचे और पंकज धीर को श्रद्धांजलि दी। सलमान खान ने अंतिम संस्कार के दौरान निकितिन को गले लगाकर उनका मनोबल बढ़ाया। इस मौके पर निकितिन की पत्नी कृतिका सेंगर भी मौजूद रहीं।

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत टेलीविजन के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में ‘कर्ण’ की भूमिका से की थी, जिससे उन्हें घर-घर में पहचान मिली। इसके बाद उन्होंने ‘सनम बेवफा’, ‘बादशाह’, ‘चंद्रकांता’ और ‘ससुराल सिमर का’ जैसे कई चर्चित प्रोजेक्ट्स में काम किया।
उन्होंने निर्देशन में भी कदम रखा और ‘माई फादर गॉडफादर’ फिल्म का निर्देशन किया। इसके अलावा, उन्होंने एक एक्टिंग अकादमी की स्थापना की थी, जहां वे नई पीढ़ी के कलाकारों को प्रशिक्षित करते थे।

CINTAA (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन) ने पंकज धीर के निधन पर गहरा शोक जताया। संस्था ने एक बयान में कहा,

“गहरे दुख के साथ हम आपको सूचित करते हैं कि हमारे ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और CINTAA के माननीय पूर्व सदस्य श्री पंकज धीर का 15 अक्टूबर 2025 को निधन हो गया।”

उनका अंतिम संस्कार उसी दिन शाम 4:30 बजे, पवन हंस, विले पार्ले (पश्चिम), मुंबई में किया गया।

पंकज धीर का जाना केवल एक अभिनेता का नहीं, बल्कि एक संपूर्ण युग का अंत है। वे अभिनय के साथ-साथ इंसानियत और अध्यात्म के प्रतीक थे। उनके बेटे निकितिन धीर की भावुक प्रतिक्रिया ने यह दर्शाया कि पिता-पुत्र का संबंध केवल खून का नहीं, बल्कि आत्मा का बंधन होता है।

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