जैसलमेर, 15 अक्टूबर:
जैसलमेर में मंगलवार दोपहर एक निजी एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग जाने से 20 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा जैसलमेर शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर थईयात गांव के पास दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुआ। हादसे में 36 से ज्यादा यात्री झुलस गए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बस जैसलमेर से जोधपुर की ओर जा रही थी, जिसमें कुल 57 यात्री सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बस में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे चिंगारी निकली और पीछे रखे पटाखों में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी बस को चपेट में ले लिया।
जब बस में आग लगी, तो चालक ने तुरंत बस रोक दी और सीट से कूदकर भाग गया। वहीं, आग फैलने के कारण बस का मुख्य दरवाजा लॉक हो गया और यात्री अंदर ही फंस गए। ग्रामीणों और सेना के जवानों ने मौके पर पहुंचकर जेसीबी की मदद से बस का दरवाजा तोड़ा और फंसे लोगों को बाहर निकाला।
घटना के बाद गंभीर रूप से झुलसे 16 लोगों को जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य घायलों का इलाज जैसलमेर के जवाहर अस्पताल में चल रहा है। जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक 8 शवों की पहचान हो चुकी है, बाकी की पहचान डीएनए टेस्ट से की जाएगी।
थईयात गांव सेना के वॉर म्यूजियम के पास स्थित है, इसलिए सेना के जवान जल्दी मौके पर पहुंच गए और रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया। स्थानीय ग्रामीणों ने भी आग बुझाने और लोगों को बचाने में पूरी कोशिश की, लेकिन आग इतनी भयानक थी कि कई लोगों को नहीं बचाया जा सका।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत विशेष विमान से जैसलमेर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने घायलों से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया और मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
प्रशासन ने पटाखों के अवैध परिवहन की जांच शुरू कर दी है। सवाल उठ रहे हैं कि पटाखे लेकर चलने की अनुमति किसने दी और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कैसे हुई। हादसे की पूरी जांच के आदेश दे दिए गए हैं।