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उत्तराखंड में बच्चों की दवाओं को लेकर बड़ा अभियान, 350 से अधिक सिरप सैंपल जांच में, दर्जनों मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई

देहरादून, 12 अक्टूबर 2025:
उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेशभर में सर्दी-खांसी की सिरप दवाओं की गुणवत्ता और वैधानिकता की व्यापक जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट निर्देशों के बाद औषधि विभाग ने राज्य के सभी जिलों में औचक निरीक्षण अभियान तेज कर दिया है। अब तक 350 से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं और 12 से अधिक मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द किए गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि सरकार बच्चों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा,

“उत्तराखंड में ऐसा कोई सिरप नहीं बिकना चाहिए जो बच्चों के लिए खतरा बने। यह सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।”

अभियान की कमान स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार के हाथ में

इस राज्यव्यापी अभियान की मॉनिटरिंग स्वयं स्वास्थ्य सचिव एवं FDA आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार कर रहे हैं। वह प्रतिदिन जिलों से रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। अभियान का नेतृत्व अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी कर रहे हैं।

देहरादून

  • औषधि निरीक्षक मानेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में पलटन बाजार, घंटाघर, ऋषिकेश रोड, जॉलीग्रांट, अजबपुर और नेहरू कॉलोनी क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर्स बंद किया गया।
  • 11 औषधियों के पर कार्रवाई की गई।
  • प्रतिबंधित सिरप को सील किया गया।
  • एक स्टोर को नमूने लिए गए।

ऋषिकेश

  • औषधि में अलग से भंडारित सिरप सील किए गए।
  • 6 औष निरीक्षक निधि रतूड़ी ने जॉलीग्रांट व देहरादून रोड के स्टोर्स पर छापेमारी की।
  • कुछ स्टोर्सधियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए।

हल्द्वानी

  • मुखानी क्षेत्र में 7 मेडिकल स्टोर्स की जांच की गई।
  • 2 कफ सिरप के नमूने लिए गए।
  • दुकानदारों को शासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करने की चेतावनी दी गई।
  • अल्मोड़ा और बागेश्वर
  • अल्मोड़ा से 1 सिरप का नमूना लिया गया।
  • बागेश्वर के गरुर क्षेत्र में 2 स्टोर्स से 2 बाल चिकित्सा सिरप जांच के लिए लिए गए।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश के चिकित्सकों से अपील की है कि वे

“दो साल से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित सिरप न लिखें और दवा देते समय विशेष सतर्कता बरतें।”

स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिन स्टोर्स या फार्मा कंपनियों में नियमों की अनदेखी मिलेगी, उन पर लाइसेंस निरस्तीकरण, जुर्माना, और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ मेडिकल स्टोर्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि फार्मा कंपनियों और बाल चिकित्सालयों तक फैला रहेगा।

अपर आयुक्त (एफडीए) ताजबर सिंह जग्गी ने कहा,

“राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बच्चों को केवल सुरक्षित, प्रमाणित और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ ही मिलें। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक प्रदेश से असुरक्षित औषधियों का पूर्ण उन्मूलन नहीं हो जाता।”

उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान एक सशक्त, जवाबदेह और बाल स्वास्थ्य केंद्रित पहल है, जिसका लक्ष्य राज्य के भविष्य — बच्चों — की रक्षा करना है। यह अभियान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है, जिसमें किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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