रुद्रपुर के एक थाना क्षेत्र में दो युवतियों के आपस में शादी करने की ज़िद ने पुलिस और परिजनों को उलझन में डाल दिया। दोनों लड़कियां बालिग हैं और एक-दूसरे के साथ रहने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं, लेकिन एक युवती के परिजन इस रिश्ते को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
परिजनों का आरोप है कि दूसरी लड़की, उनकी बेटी पर लगातार शादी करने का दबाव बना रही है और जबरदस्ती साथ रखने की बात कर रही है। इसी को लेकर परिवार थाने पहुंचा और पुलिस से मदद मांगी।
थाने में पुलिस ने दोनों युवतियों से बातचीत की। उन्हें बताया गया कि भारत में दो बालिग लोग अगर आपसी सहमति से साथ रहना चाहें तो यह अपराध नहीं है, लेकिन समान लिंग वालों की शादी को कानून अब भी मान्यता नहीं देता। पुलिस के समझाने पर एक लड़की पीछे हट गई, लेकिन दूसरी युवती अभी भी अपने फैसले पर अड़ी हुई है और शादी करने की बात पर कायम है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया। दो बालिग व्यक्ति आपसी सहमति से साथ रह सकते हैं। लेकिन समलैंगिक विवाह को भारत में कानूनी दर्जा नहीं मिला है। कोर्ट में इस मुद्दे पर चर्चा जारी है, लेकिन फिलहाल ऐसी शादी को मान्यता नहीं दी जा सकती।
यह मामला दिखाता है कि नई पीढ़ी अब अपनी पहचान और फैसले खुद लेना चाहती है, लेकिन परिवार और समाज की सोच अभी पूरी तरह से बदल नहीं पाई है। ऐसे मामलों में समझदारी और संवेदनशीलता से निपटना जरूरी होता है।
❝ पुलिस ने कहा है कि किसी भी पक्ष पर ज़बरदस्ती नहीं की जाएगी। दोनों युवतियों को उनके अधिकारों और सीमाओं के बारे में जानकारी दी गई है। ❞