देहरादून। जाम-जाम,जाम! हर क्षेत्र जाम उत्तराखंड की नियति बन गया है। आज उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट में जाम को लेकर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा कि मैं उस जाम की बात कर रहा हूं जो जाम हमारी सड़कों पर लग रहा है। पिछले दस साल में हमारी सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और नए समांतर मार्ग बनाने की दिशा में कोई काम नहीं हुआ अर्थात सड़कों की कैरिंग कैपेसिटी बढ़ाने में ध्यान नहीं दिया गया और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए राज्य पुलिस के पास दक्ष टीमों का अभाव है, उसी का परिणाम सर्वत्र सड़कें जाम हैं।
आप हरिद्वार देखिए, देहरादून देखिए, हल्द्वानी देखिए, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल कहीं भी जाइए, आपको जाम की दुर्घस स्थिति का सामना करना पड़ता है। राज्य के अंदर आने वाले पर्यटकों का या मेहमानों का, उसके अनुसार कोई प्रबंध दिखाई नहीं देता है। आम नागरिक को इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है। अकेले कैंची धाम नैनीताल के लगने वाले जाम के कारण अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत, द्वाराहाट, यहां तक कि गैरसैंण तक के क्षेत्र के लोगों को पहले के मुकाबले अपनी जिंदगी बसर करने के लिए 5-6% और खर्च करना पड़ रहा है जो केवल कैंची धाम के जाम के कारण खाद्य पदार्थों की सप्लाई आती है उसके किराया बढ़ने के कारण हो रहा है।