प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ की जा रही सीबीआई, ईडी की छापेमारी तथा कानूनी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार उन्मूलक निर्मल गंगा है उसमें शामिल होते ही भ्रष्टाचार के सारे पाप धुल जाते हैं तथा ईडी, सीबीआई की कार्रवाई दम तोड़ देती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, शुभेंदु अधिकारी, जितेंद्र तिवारी, हार्दिक पटेल, अजित पवार, मुकुल रॉय सहित अन्य कई भ्रष्टाचार के आरोपी नेताओं की लम्बी फेहरिस्त का हवाला देते हुए कहा कि जब तक ये नेता विपक्ष में थे तभी तक भ्रष्टाचारी थे भाजपा में शामिल होते ही उन्हें भ्रष्टाचार उन्मूलक गंगा के जल से नहलाकर पाप मुक्त करने का अवसर दिया गया तथा सीबीआई और ईडी जैसी केन्द्रीय ऐजेंसियों को आगे की कार्रवाई न करने के सख्त निर्देश दिये गये।
करन माहरा ने कहा कि असम में कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहते हुए हेमन्त बिस्वा सरमा पर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने केन्द्र की भाजपा सरकार के इशारे पर सरमा पर आरोप लगाया था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन से 20 लाख रुपए हर महीने लिए, जिससे ग्रुप का कामकाज बेहतर तरीके से चल सके। इस मामले के तहत सीबीआई ने अंतिम बार बिस्वा सरमा से 27 नवंबर 2014 को पूछताछ की थी तथा हेमंत बिस्वा सरमा के अगस्त 2015 में बीजेपी ज्वॉइन करते ही सीबीआई ने उनकी फाइल बंद कर दी तथा वे आज पापमुक्त (भ्रष्टाचार मुक्त) होकर अभी भी असम के मुख्यमंत्री हैं।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दूसरे नेता शुभेंदु अधिकारी जो पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में कद्दावर मंत्री रहे उन पर आरोप था कि शारदा ग्रुप के डायरेक्टर सुदीप्त सेन का फेवर लेने तथा शारदा घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पूछताछ शुरू की थी साथ ही शुभेंदु अधिकारी पर नारदा स्टिंग ऑपरेशन में भी पैसा लेने का आरोप लगा था जिसकी जांच ईडी ने शुरू की थी, परन्तु शुभेन्दु अधिकारी के भाजपा मे शामिल होते ही उन पर लगाये गये आरोप गधे के सिर से सींग की तरह गायब हो गये और वे वर्तमान में पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता यानी नेता प्रतिपक्ष हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसी प्रकार जितेंद्र तिवारी जिन पर मोदी सरकार में मंत्री रहे बाबुल सुप्रीयो ने कोयला चोर और तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उनका खुलकर विरोध किया था और जैसे ही जितेन्द्र तिवारी भाजपा मे शामिल होकर निर्मल गंगा में नहाते हैं उनपर सीबीआई का एक्शन रूक जाता है। उन्होंने कहा कि एक और महाराष्ट्र के नेता पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे जिन पर भाजपा के ही नेता किरीट सोमैया ने मनी लॉन्ड्रिंग तथा आदर्श सोसायटी मामले में हेरफेर का आरोप लगाया था। 2012 में किरीट सोमैया ने सीबीआई को 1300 पन्नों का एक दस्तावेज भी सौंपा था. तथा 2017 में ईडी को पत्र लिखकर नारायण राणे की संपत्ति की जांच करने की मांग की थी। नारायण राणे को भी भाजपा ने अपनी पार्टी की वाशिंग मशीन में डालकर पाक-साफ कर दिया है तथा सीबीआई और ईडी ने नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के इशारे पर जांच रोक दी है तथा वे आज नरेन्द्र मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं।
करन माहरा ने कहा कि गुजरात में पाटीदार आन्दोलन के नेता हार्दिक पटेल, पर भाजपा सरकार द्वारा राजद्रोह सहित 20 मुकदमें दर्ज कर तड़ीपार किया गया था। राजद्रोह केस में बचने के लिए हार्दिक पटेल को भाजपा का दामन थामना पड़ा क्योंकि वे भी जान चुके थे कि सारे पाप धोने वाली निर्मल गंगा केवल भाजपा में ही बहती है और हार्दिक पटेल आज पाक-साफ होकर वीरमगाम से भाजपा के विधायक हैं।
करन माहरा ने कहा कि इन नामों के अलावा सोवन चटर्जी, यामिनी जाधव और भावना गवली जैसे नेताओं पर भी जांच एजेंसी द्वारा कोई एक्शन इसीलिए नहीं लिया जाता क्योंकि सभी भाजपा या उनके सहयोगी दलों में चले गए हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं कुछ नेताओं ने कुछ समय के लिए भारतीय जनता पार्टी का दामन सिर्फ इसलिए थामा था कि वे अपने ऊपर लगे आरोपों से पीछा छुडवा सकें और आरोपों से पीछा छूटते ही उन्होंने भाजपा का दामन भी छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के कद्दावर नेता अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले का आरोप 2014 से पहले बीजेपी लगाती थी. इस मामले की जांच ईओडब्लयू को सौंपी गई थी. अजित पवार को लेकर बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पवार को जेल में चक्की पीसने की बात कह रहे थे। परन्तु 2019 मे महाराष्ट्र की राजनीतिक उठापटक में अजित बीजेपी के साथ चले गए और आज आरोपी अजीत पंवार तथा प्रत्यारोपी देवेंद्र फडणवीस ने गठबंधन किया जिसमें पंवार डिप्टी सीएम बन गए तथा अपने घोटालों से जुड़ी सारी फाइलें बंद करवाने के बाद अजित पवार बीजेपी छोड़ खुद की पार्टी में लौट आए।
उन्होंने कहा कि ऐसे ही पश्चिम बंगाल मे पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय पर 2015 में शारदा घोटाले में पैसा लेकर चिटफंड कंपनी फेवर देने का आरोप लगा था। 2017 में भाजपा में शामिल होने पर मुकुल रॉय को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। सीबीआई से क्लीन चिट मिलने के बाद 2021 में मुकुल रॉय भारतीय जनता पार्टी छोड़ फिर से तृणमूल में शामिल हो गए।