तेल अवीव। 25 दिनों से इजरायल और हमास के बीच युद्ध लगातार जारी है। इस युद्ध में हमास के अलावा लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी इजरायली सेना के खिलाफ हमला बोल रखा है। वहीं अब इस जंग में तीसरे मोर्चे की एंट्री होने वाली है. जो कि यमन का चरमपंथी संगठन हूती है। हूती विद्रोहियों ने आधिकारिक तौर पर इजरायल के खिलाफ और फिलिस्तीन के पक्ष में जंग का ऐलान कर दिया है। हूती विद्रोहियों की सरकार के प्रधानमंत्री अजीज बिन हबूतर ने कहा कि हम अपने लोगों को गाजा में मरने के लिए नहीं छोड़ सकते।
हूति विद्रोहियों ने धमकी दी है कि अगर गाजा में सीजफायर नहीं हुआ तो वो इजरायल पर और बैलिस्टिक मिसाइल दागेगा। हूती ने साल 2014 में यमन की राजधानी सहित देश के कई बड़े हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। टाइम्स ऑफ इजराइल ने हूती समूह के प्रवक्ता याह्या सरिया के हवाले से कहा कि हवाई हमले गाजा के लोगों के लिए धार्मिक, नैतिक, मानवीय और राष्ट्रीय जिम्मेदारी की भावना के कारण किए गए थे, जो इजरायली बमबारी के चलते बढ़ते मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं.” यरुशलम में सोमवार को प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर यमन से इज़राइल पर सटीक-निर्देशित मिसाइलें लॉन्च करने की तैयारी करने का आरोप लगाया था।
हूतियों का उदय 1980 के दशक में यमन में हुआ था. यह शिया मुस्लिमों का सबसे बड़ा आदिवासी संगठन है। हूती अब्दुलाह सालेह की आर्थिक नीतियों से नाराज थे, जिसके चलते यमन के उत्तरी क्षेत्र में असमानता बढ़ गई और साल 2000 में हूतियों ने नागरिक सेना तैयार की. हूतियों से साल 2004 से 2010 के बीच अब्दुल्लाह सालेह की सेना से कुल 6 युद्ध किए। साल 2011 में अरब के हस्तक्षेप के चलते यह युद्ध रुक गया और करीब दो साल तक बातचीत चलती रही. लेकिन कोई हल नहीं निकला।
इसके बाद हूतियों ने सऊदी अरब समर्थित लीडर अहबेद रब्बो मंसूर हादी को सत्ता से बेदखल कर यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया। हूती के पास जो जवान हैं, वो टैंक चलाने, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल चलाने, लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल चलाने से लेकर तकनीकी वाहन तक को चलाने में सक्षम हैं। बीते गुरुवार को इजरायल पर हूती ने मिसाइल दागी. हालांकि इजरायल ने इस हमले को रोक दिया।