चमोली निवासी नौ वर्षीय अंशी का दिल अब उम्र भर आराम से धड़केगा। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के चिकित्सकों ने बिना चीरा लगाए बच्ची के दिल के छेद का सफल आपरेशन किया। आपरेशन सफल होने के बाद बच्ची का परिवार बेहद खुश है। बच्ची का परिवार निजी अस्पताल में उपचार कराने में सक्षम नहीं था। निजी अस्पताल में उपचार का खर्च डेढ़ से दो लाख रुपये बताया गया। पर यहां आपरेशन आयुष्मान योजना के तहत निश्शुल्क किया गया।
प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना व चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने आपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी है। दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय की कैथ लैब का लाभ मरीजों को मिलने लगा है। यहां बच्चों की ह्रदय संबंधी जन्मजात बीमारियों का इलाज हो रहा है। कार्डियोलाजिस्ट डा. अमर उपाध्याय ने बताया कि ग्राम सिलंगी, चमोली निवासी सूरत सिंह रावत ने अपनी बच्ची को कई अस्पतालों में दिखाया।
पता चला कि उसके दिल में छेद है। वह इतने सामर्थ्यवान नहीं थे कि किसी बड़े निजी अस्पताल में इलाज कराते। जिस पर वह उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। यहां ईको व अन्य जांच कराने के बाद आपरेशन किया गया। बच्ची को एक दिन आइसीयू में रखने के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। आपरेशन करने वाली टीम में एनेस्थेसिस्ट डा. शोभा, डा. आनंद प्रकाश आदि शामिल रहे।
61 वर्षीय व्यक्ति की हुई एंजियोप्लास्टी वहीं अस्पताल की कैथ लैब कई जरूरतमंद लोग के लिए संजीवनी बन रही है। चकराता निवासी 61 वर्षीय गोपाल सिंह तोमर सीने में तेज दर्द की शिकायत पर अस्पताल की इमरजेंसी में लाए गए थे। जहां ईसीजी करने पर पता लगा कि उन्हें मेजर हार्ट अटैक पड़ा है। आनन-फानन में उन्हें कैथ लैब में शिफ्ट किया गया। जहां विभिन्न परीक्षण उपरांत कार्डियोलाजिस्ट डा. अमर उपाध्याय व उनकी टीम ने मात्र सात मिनट में दो स्टेंट डालकर उनकी सफल एंजियोप्लास्टी की। मरीज अब खतरे से बाहर है और स्वस्थ है।