उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव रहे आईएएस रामविलास यादव ने साल 2013 से 2016 के बीच आय से 25 गुणा संपत्ति जुटा ली थी।
आईएएस रामबिलास यादव की उत्तराखंड में संपत्ति
आईएएस राम बिलास यादव ने यूपी और उत्तराखंड में करोड़ों की प्रॉपर्टी जोड़ी। लखनऊ विकास प्राधिकरण में सचिव रहते हुए खूब ऊपरी कमाई की। इसका खुलासा विजिलेंस की चार्जशीट में हुआ है। विजिलेंस की ओर से 2500 पेजों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है। निलंबित व सेवानिवृत्त आईएएस राम बिलास यादव को बीते साल 22 जून को गिरफ्तार किया गया था। नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर उनकी देहरादून में विजिलेंस के सामने पेशी हुई, जहां 13 घंटे तक चली पूछताछ के बाद पूर्व आईएएस को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से कुछ ही घंटे पहले उत्तराखंड शासन ने रामविलास को जांच में सहयोग न करने पर सस्पेंड भी कर दिया था। विजिलेंस ने जांच शुरू की तो पता चला कि साल 2019 में उत्तराखंड कैडर में लौटने से पहले आईएएस रामविलास लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पद पर तैनात रहे।
इस दौरान राम बिलास यादव ने साढ़े 78 लाख रुपये की कमाई की, जबकि खर्च 21.40 करोड़ रुपये किए। उसने लखनऊ में एलडीए की जमीन पर शानदार मकान बनवाया है। साल 2005 में यादव ने एलडीए से प्लाट नंबर 10,11,12 अपने नाम करवाया और उस में आलीशान मकान बना दिया। तीन प्लाट में एक रामविलास यादव, दूसरा कुसुम बिलास और तीसरा उनके साले के नाम पर है। साले ने बाद में प्लाट यादव को गिफ्ट डीड में दे दिया। देहरादून में भी उसके नाम पर 6 प्रॉपर्टी थी। आईएएस रामविलास के खिलाफ यूपी में जांच चल रही थी, लेकिन रिपोर्ट आने से पहले ही वो प्रमोट होकर उत्तराखंड आ गए। तब यूपी सरकार ने उत्तराखंड सरकार से रामविलास के खिलाफ जांच की सिफारिश की थी। जांच शुरू हुई तो विजिलेंस ने रामविलास को 20 से ज्यादा नोटिस भेजे, पर वो एक बार भी पेश नहीं हुआ। बाद में विजिलेंस ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की और वहां से संपत्तियों के दस्तावेज जुटाए। अब विजिलेंस की ओर से आईएएस रामविलास आईएएस रामबिलास के खिलाफ 2500 पेजों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है।