आखिरकार विवादों में घिरे कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बीते बजट सत्र में सदन में पहाड़ी समुदाय को अमर्यादित बोल के बाद उठे जनाक्रोश को देखते हुए प्रेमचन्द को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।रविवार को इस्तीफा देने से पहले प्रेमचंद ने सपत्नीक रामपुर तिराहा शहीद स्मारक स्थल गए।
रविवार को मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने सरकारी आवास में प्रेस वार्ता का इस्तीफे के ऐलान किया। इस दौरान भावुक भी हुए। और फिर शाम लगभग 6 बजे सीएम धामी को इस्तीफा सौंपा। प्रेम के इस्तीफे को लेकर उत्तराखंड व दिल्ली में जनता ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किए थे।
जनता के भारी विरोध को देखते हुए भाजपा सरकार पर इस्तीफे को लेकर दबाव बढ़ने लगा था। बीते 6 मार्च को पीएम मोदी के हर्षिल दौरे के दौरान मंत्री प्रेम नजर नहीं आये थे जबकि प्रेम टिहरी व उत्तरकाशी दोनों जनपदों के प्रभारी मंत्री रहे। इससे साफ पता चलता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय भी मंत्री प्रेम के बिगड़े बोल को लेकर नाराज रहा।
अब मंत्री प्रेम के इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट के पुनर्गठन की संभावना बढ़ गयी है। जल्द ही कैबिनेट के रिक्त पदों पर नये विधायकों को जगह दी जाएगी। कैबिनेट की नयी तस्वीर भी जल्द ही साफ होने की बात कही जा रही है। चर्चा है कि स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को कैबिनेट में लाया जा सकता है और सतपाल महाराज को स्पीकर बनाया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की छंटनी में शामिल हो सकते हैं।