ऊर्जा निगम के बारे में आए दिन कुछ न कुछ ऐसा सुनने को मिलता है जिससे निगम प्रबंधन की कार्य शैली पर सवालिया निशान लग रहा है। हाल ही में रुड़की नारसन में बिजली चोरी का प्रकरण शांत हुआ ही था कि ऑनलाइन बिलों में गड़बड़ी की शिकायतें आम हो गई हैं। .पिछले हफ्ते देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र में मीटर रीडिंग का ऑनलाइन बिल 3700 के स्थान पर 67000 कर दिया गया। शिकायत होने पर दुरुस्त कर दिया गया।
यूपीसीएल के मीटर रीडर बिलों में गड़बड़ी कर उपभोक्ताओं को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। दून के मोहनपुर डिविजन के अंतर्गत बनियावाला के एक उपभोक्ता ने शिकायत करके बताया कि 13 अक्टूबर को यूपीसीएल का मीटर रीडर आया और बिजली का बिल घर के गेट पर सरका कर चला गया।
उपभोक्ता ने कहा कि 3 अक्टूबर को ही बिल भरा था और इस बिल को भरने की ड्यू डेट 28 अक्टूबर की दे रखी है, इसका मतलब है कि एक महीने में दो बार बिल भरो। बिजली उपभोक्ता ने बिल देखा तो आश्चर्य हुआ चूंकि एक तो बिल 25 दिन का था और 1077/- रुपए का था। जबकि पिछले काफी महीनों से 600 से 700 रुपए तक का बिल आ रहा था। पर अचानक बढ़े हुए बिल को देखकर कुछ अजीब भी लगा, क्यूंकि घर में न तो कोई नया उपकरण लगा और न ही बिजली की खपत बढ़ी।
उपभोक्ता ने कहा कि 15 अक्टूबर को रात करीब 8 बजे के करीब मीटर रीडिंग देखी तो उसमें 10963 की रीडिंग दिखा रहा था। जिसका उपभोक्ता ने वीडियो बना लिया। जबकि जो बिल दिया गया उसमें 11057 की रीडिंग का था। उपभोक्ता ने जब इसकी शिकायत 1912 पर की तो उन्होंने कहा कि चेक मीटर लगा लेते हैं। उपभोक्ता ने कहा कि मीटर ठीक है रीडिंग वाले ने गलत बिल दिया है, तो उन्होंने कहा कि आप बिलिंग आफिस जाकर वीडियो दिखा कर बिल ठीक करा दो।
ये रीडर की गलती से हुआ है या जानबूझकर किया गया है। इस बारे में निगम के प्रबंध निदेशक सहित किसी भी ज़िम्मेदार अधिकारी से बात नहीं हो पाई। उपभोक्ता ने कहा कि यदि निगम ने उनका बिल दुरुस्त नहीं किया तो वे मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव से लिखित में शिकायत करेगा।