बिहार की राजनीति में एक बार फिर सस्पेंस गहराता दिख रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफों के पुल बांधते हुए उनके नेतृत्व में बिहार के विकास की बात कही — लेकिन एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के सवाल पर उन्होंने कोई सीधा बयान नहीं दिया।
राजनीतिक गलियारों में इसे “घोषणा भी और नहीं भी” के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा नेता इसे गठबंधन में सौहार्द बनाए रखने का संकेत बता रहे हैं, जबकि विपक्ष इसे “स्पष्टता की कमी” के रूप में देख रहा है।
चुनाव समीकरणों के बीच पीएम मोदी का यह बयान राजनीतिक रूप से संतुलित कदम माना जा रहा है — जिसमें उन्होंने नीतीश को सम्मान दिया, पर औपचारिक घोषणा से परहेज़ किया।

