सड़क किनारे फैलाए हाथों में अब किताबें हैं, चेहरों पर उम्मीद की चमक है और आवाज़ों में आत्मविश्वास की गूंज। देहरादून जिला प्रशासन की अभिनव पहल ‘भिक्षा से शिक्षा की ओर’ ने भिक्षावृत्ति और बालश्रम की बेड़ियों में जकड़े 82 बच्चों को एक नई दुनिया का दरवाजा दिखा दिया है। जहां भीख नहीं, बल्कि भविष्य है। इस पहल की कमान जिलाधिकारी सविन बंसल के हाथों में है, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से शुरू किए गए ‘आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर’ कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं। यह केंद्र देहरादून के साधूराम इंटर कॉलेज, राजा रोड में स्थापित किया गया है, जहां डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से तैयार आधुनिक ढांचे में बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और संवेदना तीनों का संगम मिल रहा है।
सड़क से स्कूल तक: बदलाव की दो चरणों वाली यात्रा
डीएम सविन बंसल की देखरेख में अब तक दो चरणों में यह अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 51 बच्चों का विभिन्न विद्यालयों में दाखिला कराया गया, जबकि दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में शिक्षा से जोड़ा गया। यह पहल केवल रेस्क्यू तक सीमित नहीं है, बल्कि इन बच्चों को आत्मसम्मान, शिक्षा और अवसर की नई पहचान देने का प्रयास है। यहां संगीत, योग, कला और खेल के ज़रिए बच्चों के भीतर छिपी क्षमताओं को जगाया जा रहा है।

