मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे बिलासपुर जिले के बरठीं क्षेत्र में एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिसमें पहाड़ का एक हिस्सा गिरकर कृष्णा ट्रांसपोर्ट की निजी बस पर आ गिरा। बस मरोतन से घुमारवीं जा रही थी। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें एक ही परिवार के चार सदस्य भी शामिल हैं।
घटना स्थल पर बस की छत उखड़कर खड्ड के किनारे गिर गई और मलबा सीधे बस के अंदर सवार यात्रियों पर आ गिरा। चीख-पुकार मच गई और पीछे से गुजर रही गाड़ियों के चालकों ने तुरंत पुलिस प्रशासन को सूचित किया। स्थानीय लोग और पुलिस ने राहत कार्य शुरू कर दो बच्चों आरुषि (10) और शौर्य (8) को मलबे से सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया है। हादसे में इन बच्चों की मां, दो चचेरे भाई और उनकी मां की मौत हो चुकी है।
पुलिस के मुताबिक, बस में लगभग 35 यात्री सवार थे, जिनमें अधिकांश स्थानीय निवासी थे। चालक और परिचालक भी इस हादसे में जान गंवा बैठे हैं। मलबा हटाने का काम देर रात तक जेसीबी मशीनों से जारी रहा। एनडीआरएफ की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मृतकों के प्रति गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद प्रदान करेगी। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिमला से लगातार स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
केंद्रीय स्तर से भी भारी संवेदना व्यक्त की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक संदेश देते हुए मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ टीमों के तेजी से बचाव कार्य करने की जानकारी दी और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कई राजनेताओं और सामाजिक हस्तियों ने भी इस दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।
घायलों में जिन बच्चों को बचाया गया है, उन्हें एम्स बिलासपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। उनके परिवार ने बताया कि अभी कई सदस्य गंभीर हालत में हैं।
यह हादसा एक बार फिर हिमाचल प्रदेश की भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संवेदनशीलता को सामने लाता है और सतर्क रहने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।