प्रदेश में अब पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के लिए सरकार स्क्रैप नीति में संशोधन करने जा रही है। इसके अंतर्गत यदि कोई वाहन स्वामी पुराने वाहनों को स्क्रैप (कबाड़) घोषित कर देता है तो उसे नए वाहन के पंजीकरण में छूट दी जाएगी।
व्यावसायिक वाहनों की स्थिति में वाहन स्वामियों को बकाया के साथ ही तिमाही व छमाही टैक्स में छूट दी जाएगी। परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव का अभी शासन में अध्ययन चल रहा है, जिस पर शीघ्र निर्णय होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के लिए स्क्रैप नीति बनाई है।
इस नीति में शुरुआती चरणों में सरकारी वाहनों पर फोकस करते हुए उनकी आयु सीमा 15 वर्ष निर्धारित की गई है। इस आयु सीमा को पूरा करने वाले वाहनों को चलन से बाहर किया जा रहा है। इसके लिए सभी विभागों के लिए एक समय सीमा तय की गई है। इसके बाद प्रदेश सरकार को इसकी समग्र रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपनी है।
अब प्रदेश सरकार पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के लिए निजी वाहन स्वामियों को भी प्रोत्साहित करने की तैयारी कर रही है। इस कड़ी में निजी वाहन स्वामियों को वाहन स्क्रैप करने पर पंजीकरण में 25 प्रतिशत की छूट अथवा 50 हजार, जो कम हो वह दिया जाएगा।
व्यावसायिक वाहनों को वाहन स्क्रैप करने पर दो तरह से छूट दी जाएगी। यदि वह 20 साल पुराने वाहन को स्क्रैप करता है तो उसे बकाया कर में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। यदि वह 15 से 20 वर्ष पुराने वाहन को स्क्रैप करता है तो उसेे पेनाल्टी में छूट दी जाएगी।
इससे कम उम्र के वाहनों में 50 प्रतिशत पेनाल्टी माफ की जाएगी। प्रदेश में 15 वर्ष पुराने वाहनों के लिए टाइम लाइन बनाई जा रही है कि कौन से विभाग कितने दिनों में वाहनों को मार्च 2024 से पहले चलन से बाहर करेंगे। सूत्रों की मानें तो जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जा सकता है।