उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों में सोमवार रात हुई मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। भारी वर्षा के कारण नदियां उफान पर आ गईं, सड़कें और पुल बह गए, जबकि कई रिहायशी कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। प्रशासनिक तंत्र राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन अब तक 10 लोगों की मौत और कई के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है।
सहस्रधारा और मालदेवता में भारी तबाही
सहस्रधारा के पास कारलीगढ़ क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। वहीं मालदेवता क्षेत्र में नदी के उफान से सड़कें, पुल और पुश्ते बह गए हैं। स्थानीय लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है और कई मकानों में मलबा घुस गया है।
देहरादून की नदियां बनीं संकट का कारण
रिस्पना और बिंदाल नदी का जलस्तर बढ़ने से कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं। घरों के अंदर पानी और मलबा भर गया है। साथ ही, कई दुकानों और होटलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मसूरी से देहरादून को जोड़ने वाला मार्ग भी कई स्थानों पर भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है।
आसन नदी में हादसा, 13 लोग बहे
सबसे बड़ा हादसा आसन नदी में सामने आया, जहां एक ट्रैक्टर-ट्रॉली बहने से 13 लोग लापता हो गए। राहत टीमों द्वारा अब तक 10 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 8 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
अन्य जानलेवा घटनाएं
कालसी-चकराता मोटर मार्ग पर जजरेट पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर एक स्कूटी सवार युवक (पंजाब निवासी) की मौत हो गई।
मसूरी के झड़ीपानी से राजपुर की ओर जाने वाले पुराने पैदल मार्ग के पास भूस्खलन में दो लोग मलबे में दब गए, जिनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई।
धार्मिक स्थल और शिक्षण संस्थान भी प्रभावित
देहरादून स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में बारिश का पानी भर गया, जिससे मंदिर की रेलिंग और पानी की टंकी बह गई। वहीं, देवभूमि कॉलेज में मलबा घुस जाने के कारण छात्रों को बाहर निकालना पड़ा।
मुख्यमंत्री का दौरा, केंद्र का आश्वासन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पूरी तरह अलर्ट है और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया है।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन सक्रिय
आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल सहायता, खाने-पीने का सामान और सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराए जा रहे हैं।