प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने के उद्देश्य से इसका प्रारूप तय करने के लिए गठित समिति का कार्यकाल चार माह बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की देहरादून वापसी के बाद इससे संबंधित आदेश जारी हो जाएगा।
प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इसीलिए सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का प्रारूप (ड्राफ्ट) बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया।
75 से अधिक हुईं बैठकें
विशेषज्ञ समिति के लगभग 15 माह के कार्यकाल में अभी तक 75 से अधिक बैठक हो चुकी हैं और समिति को 2.35 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं। समिति को समान नागरिक संहिता का प्रारूप इसी वर्ष जून तक सौंपना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब समिति का कार्यकाल 28 सितंबर को समाप्त हो रहा है। सरकार को प्रारूप सौंपने के बाद भी इसमें काफी कार्य होना है।
ऐसे में समिति का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाने की तैयारी है। अभी तक दो बार समिति का कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। पहले कार्यकाल नवंबर 2022 में छह माह के लिए मई 2023 तक बढ़ाया गया था। इसके बाद मई 2023 में समिति का कार्यकाल चार माह, यानी सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया था।