उत्तराखंड में इन दिनों भू माफियाओं का बोलबाला है। प्रदेश के कई जिलों में सरकारी भूमि पर कब्जा करने का मामला सामने आया है और अब इन्हीं भू माफियाओं पर प्रशासन की पैनी नजर है। देहरादून की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण कराया गया है।
दून में सरकारी भूमि पर हमेशा भूमाफिया की गिद्ध दृष्टि रही है। खुद सरकारी विभागों को नहीं पता कि उनकी कितनी भूमि कब्जा ली गई है और कितनी महफूज है। हालांकि, जिला प्रशासन अब भूमाफिया से सतर्क नजर आ रहा है और जिलाधिकारी ने सभी विभागों को अपनी परिसंपत्तियों का ब्योरा पब्लिक मैनेजमेंट पोर्टल पर शीघ्र दर्ज करने को कहा है।
कंट्रोल रूम में दे सूचना
बुधवार को हुई बैठक में जिलाधिकारी सोनिका ने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारी परिसंपत्तियों का ब्योरा पब्लिक मैनेजमेंट पोर्टल पर दर्ज करने में शिथिलता न बरतें। यह काम शीघ्र पूरा किया जाना है। उन्होंने निर्देश दिए कि ब्योरा दर्ज करने की दैनिक प्रगति की समीक्षा की जा रही है। इसकी जानकारी दैनिक आधार पर सूचना कंट्रोल रूम में भी दी जाए। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कार्य किस गति से चल रहा है।
सरकारी परिसंपत्तियों की हो सुरक्षा
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी परिसंपत्तियों की स्थिति स्पष्ट होने से उनकी सुरक्षा की जा सकेगी। साथ ही किसी भी सार्वजनिक प्रयोग की परियोजनाओं के लिए भी लैंडबैंक व अन्य संपत्ति की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, निदेशक डीआरडीए विक्रम सिंह, उपजिलाधिकारी हरिगिरि गोस्वामी, उप नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल आदि उपस्थित रहे।
प्रशासन की निगरानी समिति सक्रिय
जिला प्रशासन की जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) सक्रिय हो गई है। जिलाधिकारी सोनिका ने समिति की बैठक लेते हुए निर्माण कार्यों का अपडेट मांगा। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में जिलाधिकारी सोनिका ने सभी निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि वह अपने कार्यों की अपडेट जानकारी उपलब्ध कराएं। ताकि यह साफ हो सके कि कितने काम गतिमान हैं और उनकी डेडलाइन क्या है।
मांगा कार्यों का ब्योरा
कार्यों का ब्योरा उपलब्ध रहने से उन्हें समय पर पूरा कराने का प्रयास किया जा सकेगा। इस अवसर पर राजमार्ग से लेकर लोनिवि, सिंचाई, पीएमजीएसवाई, पेयजल निगम, नगर निगम आदि एजेंसियों के अधिकारी उपस्थित रहे।