अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निराश्रित, बाल श्रम से मुक्त बच्चों के लिए तहसील स्तर पर अभियान चलाकर आधार कार्ड, राशन कार्ड व आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों, विशेषकर खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूलों की व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में बाल विवाह रोकने के लिए विद्यालयी शिक्षा विभाग की मदद से कक्षा आठ के बाद स्कूल ड्रापआउट करने वाली बालिकाओं के आंकड़े जुटाने के लिए भी निर्देशित किया।
सचिवालय में मंगलवार को बाल श्रम से संबंधित समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में बाल श्रम रोकने व अनाथ बच्चों के कल्याण, अच्छी शिक्षा व परवरिश के लिए जिला स्तर पर विभिन्न समितियों के स्थान पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक अंब्रेला कमेटी बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि निराश्रित व बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास के दौरान उनकी प्रगति का निरंतर अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने सभी जिलों में ऑपरेशन मुक्ति के अंतर्गत मुक्त कराए गए बच्चों के डाटा को निर्धारित प्रारूप पर सीआईएसएस पोर्टल पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विशेषकर देहरादून क्षेत्र में बाल भिक्षावृत्ति रोकने व बच्चों द्वारा ड्रग्स के प्रयोग को रोकने के लिए ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन किया जाए। जिलों में बाल विवाह रोकने के साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कोष के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा व अच्छी परवरिश को प्रोत्साहित किया जाए।
बाल श्रम के 133 और बाल विवाह के 22 मामले दर्ज
बैठक में पुलिस विभाग ने जानकारी दी कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में बाल श्रम के 133 और बाल विवाह के 22 मामले दर्ज हुए हैं। राज्य में जेजे एक्ट को प्रभावी रूप से लागू करने की आवश्यकता है। बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, डीआइजी पी रेणुका देवी तथा वर्चुअल माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।