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अग्निकांड के बाद नशे में मिले फायर कर्मी तो हिमाचल से बुलाई फायर ब्रिगेड, सामने आई 9 बड़ी बातें

देहरादून जिला मुख्यालय से 180 किलोमीटर दूर सीमांत तहसील से जुड़े गेट बाजार त्यूणी के पास हुए भीषण अग्निकांड में चार मासूम बच्चियों की जिंदगी चली गई। त्यूणी अग्निकांड में फायर ब्रिगेड से लेकर पुलिस-प्रशासन की गंभीर लापरवाही हर स्तर पर सामने आई है। इस दर्दनाक घटना को लेकर क्षेत्रवासियों में जबरदस्त गुस्सा है।

तीन मंजिला भवन में आग लगने से 4 बच्चियां जिंदा जल गई

बता दें बीते गुरुवार शाम को गेट बाजार त्यूणी के पास रेंज क्वार्टर से सटे मोटर पुल के समीप मुंधोल निवासी पूर्व शिक्षाधिकारी सूरतराम जोशी के तीन मंजिला भवन में भीषण आग लगने से 4 मासूम बच्चियां जिंदा जल गई।

मकान के ऊपरी मंजिल में जाक्टा-निनूस निवासी त्रिलोक सिंह चौहान पत्नी पूनम और बच्चों के साथ किराए पर रहते थे। उनके साथ हिमाचल के बिकटाड़ निवासी रिश्तेदार जयलाल व साली संजना की पुत्री समृद्धि उर्फ रिधि पढ़ाई करने आई थी।

इसी मंजिल पर उनके रिश्तेदार पटाला-भाटगढ़ी निवासी विकेश उर्फ विक्की चौहान पत्नी कुसुम और दो बच्चियों के साथ कुछ दिन पहले किराए पर रहने आए थे। लकड़ी से निर्मित मकान के अगले हिस्से में कुसुम ने ढाबा खोला था। बीते गुरुवार शाम करीब 4 बजे वह ढाबे पर चाय बना रही थी। तभी सिलेंडर से गैस रिसाव होने से लकड़ी के मकान में चारों तरफ आग फैल गई।

आग इतनी तेजी से फैली की कमरे के अंदर खेल रही चार बच्चियां वहां फंस गई। कमरे के अंदर फंसी बच्चियों को बाहर निकालने के प्रयास में कुसुम और तीन अन्य लोग आग की चपेट में आने से झुलस गए। सूचना के करीब आधे घंटे बाद घटनास्थल से एक किलोमीटर की दूरी पर तैनात फायर ब्रिगेड टीम और थाना पुलिस कर्मी आधी-अधूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचे।

सामने आई ये बड़ी लापरवाही

  1. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है घटनास्थल से महज 5 मिनट की दूरी पर तैनात फायर कर्मी नशे की हालत में थे और टैंक में पानी भी कम था।
  2. बताया जा रहा है आग बुझाने आए दमकल वाहन में इंधन भी कम था। जिससे आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जा सका।
  3. दमकल कर्मियों को नशे की हालत में देख गुस्साए ग्रामीणों ने वहां हंगामा किया और थाना पुलिस से संबंधित कर्मियों का मेडिकल कराने को कहा। मगर थाना पुलिस ने आरोपित दमकल कर्मियों का मेडिकल नहीं कराया।
  4. स्थानीय ग्रामीणों ने आसपास के घरों से रबड़ के पाइप जोड़कर अपने स्तर से आग बुझाने का भरसक प्रयास किया, लेकिन विकराल हो चुकी आग को बुझा पाना उनके बस से बाहर की बात थी।
  5. आधी-अधूरी तैयारी के साथ घटनास्थल पर पहुंची फायर व थाना पुलिस टीम के पास आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।
  6. देखते ही देखते भीषण आग की लपटों से लकड़ी का पूरा मकान जलकर राख हो गया। घटना के कुछ देर बाद उत्तरकाशी के मोरी और हिमाचल के जुब्बल-रोहडू से दमकल विभाग और एसडीआरएफ की टीम राहत एवं बचाव कार्य के लिए मौके पर पहुंची।
  7. घटनास्थल के पास आग बुझाने के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं होने से दमकल विभाग टीम को 5 किलोमीटर दूर कठंग खड्ड से पानी ढ़ोना पड़ा। ऐसे में दमकल वाहन का ज्यादा समय पानी लाने में निकल गया। जिससे आग बुझाने में साढ़े 5 घंटे से अधिक समय लगा।
  8. इसी तरह पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की निष्क्रियता भी सामने आई। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा राहत एवं बचाव कार्य में स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने उस तत्परता से सक्रियता नहीं दिखाई, जिससे आग पर समय रहते काबू पाया जा सकता था।
  9. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी घटनास्थल पर काफी देर बाद खाली हाथ पहुंचे।

पुलिस महानिदेशक ने बैठाई उच्चस्तरीय जांच

त्यूणी में हुए भीषण अग्निकांड मामले का उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने संज्ञान लिया है। चार बच्चियों के जिंदा जलने की दर्दनाक घटना से आहत पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

डीजीपी ने पुलिस उपमहानिरीक्षक फायर निवेदिता कुकरेती को त्यूणी अग्निकांड मामले की जांच सौंपी है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा जांच में जिस पुलिस अधिकारी और संबंधित कर्मी की लापरवाही सामने आएगी उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

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