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सूडान में संकट के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत भारत लाया जा रहा है।

सूडान में संकट के बीच फंसे भारतीय नागरिकों को ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत भारत लाया जा रहा है। बुधवार रात भारत आई फ्लाइट में उत्तराखंड के 10 लोग भी वापस वतन पहुंचे। नई दिल्ली पहुंचने पर उनका उत्तराखंड के स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा और सहायक प्रोटोकॉल अधिकारी अमर बिष्ट ने स्वागत किया। इसमें सुनील सिंह, विनोद नेगी, प्रवीन नेगी, अनिल कुमार, शीशपाल सिंह, अंकित बिष्ट, जुनेद त्यागी, जुनेद अली, इनायत त्यागी और सलमा त्यागी शमिल हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार, निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं।

सूडान में फंसे दून के नंद किशोर के जल्द भारत आने की संभावना है। वह अपने साथियों के साथ खार्तूम से बस के माध्यम से कोडदान बंदरगाह तक पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि वहां से एक जहाज जल्द भारतीयों को लेकर रवाना हो जाएगा। परिजनों का नंद किशोर से लगातार संपर्क हो रहा है।

बता दें कि दून के नकरौंदा निवासी नंद किशोर यादव 20 मार्च को सूडान के खार्तूम में एक केमिकल फैक्टरी में काम करने गए थे। वह लगातार अपने परिजनों से बातचीत करते रहते थे। गृहयुद्ध के बीच अंतिम बार 21 अप्रैल को परिजनों के पास उनका फोन आया था। उन्होंने कहा था कि यहां खाने-पीने की दिक्कत हो रही है। खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बातचीत के बीच ही उनका फोन कट गया। ऐसे में घरवालों को चिंता होने लगी। उनकी पत्नी ने दो दिन पहले जिलाधिकारी सोनिका से मुलाकात कर अपने पति को वापस लाने की गुहार लगाई थी।

इस मामले में नंद किशोर समेत उत्तराखंड के नागरिकों की सूची पुलिस ने भारत सरकार के साथ साझा की थी। नंद किशोर के परिजनों ने बताया कि वह मंगलवार शाम को खार्तूम से निकलकर भारतीय दूतावास पहुंच गए थे। यहां उनका ऑपरेशन कावेरी की टीम से संपर्क भी हुआ। टीम ने उन्हें एक बस के माध्यम से कोडदाम बंदरगाह के लिए रवाना किया था। करीब 16 घंटे के सफर के बाद वह बंदरगाह पहुंच गए हैं।

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