कोरोना की दूसरी लहर के कारण पर्यटन-परिवहन कारोबार पर पड़ी चोट को देखते हुए राज्य सरकार ने लगभग एक लाख ट्रांसपोर्टरों का छह माह का टैक्स तो माफ किया, लेकिन इसमें तकनीकी पेंच आड़े आ गया है। यह राहत ट्रांसपोर्टरों को उसी सूरत में मिल रही, जब उन्होंने पिछले छह माह का टैक्स जमा किया हुआ हो। एक अक्टूबर-2020 से 31 मार्च-2021 तक का टैक्स यदि पूरा जमा है, तभी एक अप्रैल-2021 से अगले छह माह यानी 30 सितंबर तक टैक्स माफ होगा। परिवहन विभाग के मुताबिक हजारों ट्रांसपोर्टर ऐसे हैं, जिनका पुराना टैक्स जमा नहीं है। ट्रांसपोर्टर टैक्स माफी के लिए रोज आरटीओ दफ्तर के चक्कर काट रहे। पहले बकाया टैक्स जमा कर रहे, उसके बाद छह माह की छूट पा रहे।ट्रांसपोर्टरों की ओर से सरकार से कोरोना काल के टैक्स माफी को लेकर मांग उठाई जा रही थी। जिस पर पिछले माह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वित्तीय वर्ष के छह माह का टैक्स माफ कर दिया था। जो एक अप्रैल से 30 सितंबर तक का मान्य होगा। राहत केवल राज्य में पंजीकृत व्यावसायिक यात्री वाहनों को ही दी गई और भार वाहन इसमें सम्मिलित नहीं किए गए। इस छूट से सरकार पर करीब 66 करोड़ रुपये का बोझ पडऩे का अनुमान लगाया गया।
सरकार ने यात्री वाहनों को 31 मार्च 2022 तक सभी तरह के विलंब शुल्क से भी मुक्त रखने का आदेश दिया गया था, जिससे तकरीबन छह करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आने का अनुमान लगाया गया था। करीब एक लाख वाहन संचालकों को इसका लाभ मिलेगा।टैक्स में राहत पाने के लिए ट्रांसपोर्टरों को वाहनों के दस्तावेज लेकर आरटीओ दफ्तर में आना पड़ रहा। जिसमें उनका बकाया व पुराना रिकार्ड देखा जा रहा। इसे लेकर इन दिनों आरटीओ के टैक्स अनुभाग में सुबह से शाम तक भारी भीड़ जुट रही। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि पिछले साल कोरोना की पहली लहर में सरकार ने सभी व्यावसायिक वाहन संचालकों का अप्रैल से सितंबर तक का टैक्स माफ किया था। फिर संक्रमण कम होने पर वाहन संचालित होने लगे पर बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्टरों ने विभाग में टैक्स जमा नहीं कराया। इस साल अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण वाहनों का संचालन बंद रहने की वजह से सरकार ने फिर से छह माह का टैक्स माफ किया है लेकिन यह अप्रैल से सितंबर का है। इसका मतलब साफ है कि ट्रांसपोर्टरों को बीते वर्ष एक अक्टूबर से इस वर्ष मार्च तक का पूरा टैक्स जमा कराना होगा, तभी उन्हें छह माह की टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। आरटीओ ने बताया कि विभागीय साफ्टवेयर में ऐसा प्रविधान ही नहीं कि जिनका टैक्स बकाया हो, उन्हें अगले महीनों के टैक्स से छूट दी जा सके।