डेढ़ माह पहले मुख्यमंत्री पद की अहम जिम्मेदार संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी अब आगे युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार देने, रोड कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को मजबूत करने की चुनौती से निपटते दिखाई देंगे। अनुपूरक बजट में धामी ने अपने आगे के एजेंडे की झलक दिखा दी है। राज्य बनने के 20 वर्ष से ज्यादा की अवधि में यह पहली बार हुआ है कि मुख्यमंत्री का एजेंडा मुख्य बजट के बजाय अनुपूरक बजट में दिखाई दिया।धामी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में करीब 5370 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा चुनाव से पहले अनुपूरक बजट के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्राथमिकताएं सामने रख दी हैं। यह भी तकरीबन तय हो गया कि मुख्यमंत्री अपने इसी विजन के अनुरूप आगे बढ़ेंगे। दरअसल बीती छह मार्च को गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 का जब बजट पेश किया गया था, तब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे। बजट में मुख्यमंत्री के रूप में त्रिवेंद्र की प्राथमिकताएं सामने आईं। हालांकि इसमें भी कोई शक की बात नहीं कि त्रिवेंद्र ने भी भाजपा के चुनावी वायदों और एजेंडे को ही बजट में मूर्त रूप दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने भी 2017 के बाद से प्रदेश में चल रही भाजपा सरकार के एजेंडे को ही आगे जारी रखने के संकेत दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी के सामने चुनौतियों का पहाड़ है। पिछली सरकार के कुछ फैसलों को लेकर जनाक्रोश उभरा है। कोरोना महामारी की वजह से पिछले डेढ़ साल से ठप पड़े विकास कार्यों के चलते आम जन की अपेक्षाएं अधूरी हैं। धामी को इस पर नए सिरे से कदम बढ़ाने हैं। मानसून सत्र में अनुपूरक बजट को लाकर धामी ने इन्हीं चुनौतियों से निपटने का माद्दा दिखाया है।पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में अवस्थापना विकास धीमा है तो मैदानी क्षेत्रों की तुलना में सड़कों का जाल कम ही है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में ग्रामीण सड़कों की कनेक्टिविटी मजबूत बनाने के लिए मिलने वाली धनराशि का समुचित उपयोग नहीं हो पा रहा है। धामी ने रोड कनेक्टिविटी को प्राथमिकता में रखा है। सरकारी विभागों में रिक्त करीब 24 हजार पदों पर भर्तियां खोलने को प्राथमिकता दी जा रही है तो तकरीबन एक लाख स्वरोजगार मुहैया कराने की कवायद अंतिम चरण में है।