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स्टार्टअप की रैंकिंग में उत्तराखंड कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ कर लगातार आगे बढ़ रहा है

स्टार्टअप की रैंकिंग में उत्तराखंड कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ कर लगातार आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2018 की रैकिंग में उत्तराखंड को इमर्जिंग (उभरते) और 2019 में एस्पायरिंग (आकांक्षी) श्रेणी में जगह मिली थी।

स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे सुधार के चलते उत्तराखंड स्टार्टअप रैंकिंग में एक पायदान आगे बढ़ा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी राज्यों की स्टार्टअप रैकिंग-2021 में उत्तराखंड ने लीडर्स श्रेणी हासिल की है जबकि गुजरात और कर्नाटक को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की रैकिंग मिली है।

स्टार्टअप की रैकिंग में उत्तराखंड कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ कर लगातार आगे बढ़ रहा है। नवाचार आइडिया को स्टार्टअप के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है। जिससे केंद्र की स्टार्टअप रैकिंग में राज्य को कामयाबी मिल रही है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी 2021 की स्टार्टअप रैकिंग में उत्तराखंड ने एक पायदान आगे बढ़ कर लीडर्स श्रेणी हासिल की है।

वर्ष 2018 की रैकिंग में उत्तराखंड को इमर्जिंग (उभरते) और 2019 में एस्पायरिंग (आकांक्षी) श्रेणी में जगह मिली थी। उद्योग निदेशक सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि सरकार की नीतियों से स्टार्टअप रैकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। प्रदेश के स्टार्टअप बेहतर काम कर देश दुनिया में नाम रोशन कर रहे हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को सरकार वित्तीय प्रोत्साहन के साथ तकनीकी सहयोग भी प्रदान कर रही है।

सरकार की ओर से स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा समेत अन्य क्षेत्रों में नवाचार आइडिया पर 128 स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2018 के तहत सरकार की ओर से स्टार्टअप को कारोबार स्थापित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी दे रही है। जिसमें एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट, उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए एक से पांच लाख की सहायता, स्टार्टअप को 10 से 15 हजार रुपये तक मासिक भत्ता भी दिया जा रहा है। नवाचार आइडिया को कारोबार में स्थापित करने के लिए सरकार ने 13 इन्क्यूबेशन सेंटरों को मान्यता दी है। जहां पर स्टार्टअप को प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए मशीनरी, तकनीकी सहयोग की सुविधा उपलब्ध होती है। राज्य में इन्क्यूबेशन सेंटर खुलने से राज्य को स्टार्टअप को प्रोजेक्ट बनाने के लिए दूसरे क्षेत्रों में नहीं जाना पड़ता है।

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